- गीता प्रेस मामला, कर्मचारी और ट्रस्टी के बीच मामला सुलझाने का प्रयास
- 23 अप्रैल को हो सकता है अहम फैसला
GORAKHPUR : गीता प्रेस में ट्रस्टी और कर्मचारियों के बीच चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। फ्राइडे को डिस्ट्रिक्ट लेबर कमिश्नर ने मामले को सुलझाने के लिए लेबर ऑफिस में पंचायत बुलाई थी जिसमें कर्मचारियों के प्रतिनिधि और ट्रस्टी के लोगों ने अपना पक्ष रखा। दोनों पक्षों को सुनने और समझने के बाद लेबर कमिश्नर ने ख्फ् अप्रैल को कोई निर्णय सुनाने का निर्देश दिया है। तब तक कर्मचारी विरोध बंद कर रूटीन की तरह वर्क करेंगे। अपनी मांगों को लेकर कर्मचारियों ने लेबर ऑफिस में नारेबाजी कर विरोध भी जताया।
फोर्थ मीटिंग, फैसला कुछ नहीं
वर्ल्ड फेमस गीता प्रेस के मामले को सुलझाने के लिए अब प्रशासन ने प्रयास शुरू कर दिया है। फ्राइडे को लेबर कमिश्नर ने गीता प्रेस के कर्मचारी और ट्रस्टी के लोगों को बुलाया था। मीटिंग में कर्मचारियों की ओर से प्रतिनिधित्व करते हुए रवींद्र सिंह पहुंचे तो ट्रस्टी की ओर से उनका एडवाइजर आया। सभी मुद्दों पर बात की गई। कुछ डिपार्टमेंट और मैनेजमेंट के बीच ज्यादा मतभेद है। उन्हें सुलझाने की प्रयास किया जा रहा है। लेबर कमिश्नर ने ख्फ् अप्रैल को इस मामले को सुलझाने का निर्देश दिया है। वहीं कर्मचारी नेता रवींद्र सिंह ने कहा कि ट्रस्टी इस मामले को जानबूझ कर सुलझाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। हर मीटिंग में उनका प्रतिनिधि करने वाला चेंज हो जाता है, ऐसे में कोई फैसला आना मुश्किल है। फर्स्ट मीटिंग में ट्रस्टी आए थे जबकि सेकेंड मीटिंग में सहायक मैनेजर, प्रोडेक्शन प्रतिनिधित्व करने पहुंचे। थर्ड मीटिंग में सहायक प्रबंधक आए जबकि फोर्थ मीटिंग, फ्राइडे को उनका एडवाइजर आया।