गोरखपुर (ब्यूरो)।कुछ ऐसा ही माहौल इस समय दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी में है। पिछले दिनों यूनिवर्सिटी को नैक ग्रेड में ए प्लस प्लस ग्रेड मिला और ये प्रदेश की नंबर 1 यूनिवर्सिटी बन गई। मगर इस वक्त यहां पर स्टूडेंट्स पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं।
हॉस्टल में आ रहा टैंकर
डीडीयूजीयू के ब्वॉयज हॉस्टल की हालत काफी खस्ता है। वहां पर आरओ प्लांट बंद है। स्टूडेंट्स के लिए कहीं भी शुद्ध और ठंडा पीने का पानी अवेलेबल नहीं है। ऐसे में उन्हें बाहर से पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है। हॉस्टल में डेली एक टैंकर आता है, जिससे सैकड़ों स्टूडेंट्स पानी खरीद कर पीते हैं। ये बच्चे हजारों रुपए हॉस्टल की फीस भरते हैं। इसके बाद भी इन्हें पीने का पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है।
मेन गेट पर नहीं मिलता पानी
यूनिवर्सिटी कैंपस के मेन गेट पर एक वॉटर कूलर लगा है। इस वक्त ये केवल शोपीस है। तेेज धूप में स्टूडेंट्स पानी की आस में वॉटर कूलर के पास जाते हैं। मगर वहां उसे बंद देखकर निराश लौट जाते हैं।
हर डिपार्टमेंट में पानी की समस्या
पानी की समस्या यूनिवर्सिटी के लगभग सभी डिपार्टमेंट्स में है। स्टूडेंट्स अपने घर से बॉटल तो लेकर आते हैं मगर वो पानी भी थोड़ी देर में खत्म हो जाता है। इसके बाद प्यास लगने पर उन्हें पानी खरीदकर पीना पड़ता है।
हॉस्टल में कई महीनों से वॉटर कूलर काम नहीं कर रहा। जो पानी आता है वो पीने लायक नहीं है। ऐसे में हमें डेली पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है।
करुणेशमणि त्रिपाठी, स्टूडेंट
हॉस्टल में शुद्ध पेयजल की काफी किल्लत है। रोजाना पानी खरीदना पड़ता है। आरओ प्लांट कई महीनों से बंद पड़ा है।
प्रदीप यादव, स्टूडेंट
यूनिवर्सिटी कैंपस में पानी की बहुत किल्लत है। ठंडे पानी के लिए हमें काफी दौडऩा पड़ता है। मेन गेट पर लगा वॉटर कूलर भी बंद है।
सात्विक श्रीवास्तव, स्टूडेंट
कैंपस में कहीं भी पीने का पानी नहीं है। घर से पानी लेकर आते हैं, वो भी खत्म होने के बाद खरीदना पड़ता है।
वैभव सिंह, स्टूडेंट
यूनिवर्सिटी कैंपस में दो और हॉस्टल में एक आरओ प्लांट लगाया जा रहा है। इसका काम लगभग फाइनल स्टेज में है। जल्द ही इन्हें चालू कर दिया जाएगा, ताकि स्टूडेंट्स को पानी की समस्या का सामना न करना पड़े।
विशेश्वर प्रसाद, रजिस्ट्रार, डीडीयूजीयू