- कोर्ट से जारी गैर जमानती वारंट के आधार पर पुलिस ने किया गिरफ्तार
- सिपाही भर्ती में फिजिकल के लिए आया है लेटर, कॅरियर दांव पर
PIPRAICH: माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश की इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा सत्र 2010-11 में परीक्षा में नकल करते पकड़े गए एक छात्र को पुलिस ने पांच साल बाद शनिवार की रात उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। मामले में छात्र के खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी हुआ था। पुलिस ने इसी आधार पर यह कार्रवाई की। इस बीच छात्र का पुलिस भर्ती के लिए फिजिकल टेस्ट का लेटर आया हुआ है। गिरफ्तारी के चलते अब उसका कॅरियर भी दांव पर लग गया है।
सत्र 2010-11 में दी थी परीक्षा
पिपराइच थाना क्षेत्र के सिहोरिया निवासी मनोज यादव पुत्र छेदी यादव ने सत्र 2010-11 में इंटरमीडिएट बोर्ड की परीक्षा दी थी। वह खोराबार क्षेत्र के जगदीशपुर स्थित इंटर कॉलेज का छात्र था और इंटर कॉलेज माड़ापार में उसका परीक्षा केन्द्र था। परीक्षा के दौरान उड़ाका दल ने उसे नकल सामग्री के साथ पकड़ा था। उसके बाद रस्टीकेट कर दिया था। तत्कालीन बसपा सरकार में नकल को संज्ञेय अपराध घोषित किया गया था। लिहाजा केन्द्र व्यवस्थापक ने छात्र के खिलाफ केस दर्ज कराया।
पांच साल बाद पहुंची पुलिस
पांच साल से यह मामला न्यायालय में चल रहा था। न्यायालय ने मनोज यादव के खिलाफ मामले में गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए शनिवार की रात एक बजे छात्र को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का कहना है कि छात्र को न्यायालय में पेश किया जाएगा। न्यायालय के आदेश से आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मेरा बेटा निर्दोष
छात्र के पिता छेदी यादव का कहना है कि परीक्षा में बेटे के बगल वाले छात्र ने उसके पास नकल की पुर्जी फेंक दी थी। इस कारण उड़ाका दल ने उनके बेटे को पकड़ लिया। कोर्ट से जारी समन उन तक कभी पहुंचा ही नहीं। इस कारण वे मुकदमे से अनजान बने रहे। इस समय बेटे ने सिपाही भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन किया है। मेरिट के आधार पर फिजिकल के लिए उसके पास लेटर आया है। वह एग्जाम की तैयारी में लगा था कि पुलिस आधी रात में छापा मारकर उसे उठा ले गई। पिता का यह भी कहना है कि इस समय नकल अध्यादेश लागू नहीं है। ऐसे में उनके बेटे को गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए था।