- आधे घंटे बाद पहुंचा स्टाफ

- इलाज नहीं किए जाने पर फैमिली मेंबर्स का फुटा गुस्सा

- गंभीर हालत देखकर मेडिकल कॉलेज रेफर

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र:

जिला अस्पताल और महिला अस्पताल इन दिनों हंगामे का केंद्र बनता जा रहा है। आये दिन मरीजों के साथ दु‌र्व्यहार, इलाज के नाम पर रुपये मांगना और लापरवाही के आरोप लग रहें हैं। फिर भी उनके ऊपर कोई असर नहीं पड़ रहा है। सैटर्डे की लेट नाइट बेलीपार से एक युवक इलाज के लिए इमरजेंसी पहुंचा लेकिन वहां कोई नहीं था। वह पेट के दर्द से कराह रहा था। फैमिली मेंबर्स मरीज को लेकर काफी परेशान थे। वे इमरजेंसी के बाहर हंगामा कराना शुरू कर दिए। हंगामा के बाद डॉक्टर्स ने उसकी हालत देखकर मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया। आरोप था कि डॉक्टर रात में इमरजेंसी के अंदर आराम करते हैं और मरीज तड़पता रहता है।

बेलीपार एरिया के रहने वाले रमेश यादव की घर पर अचानक हालत खराब हो गई। फैमिली मेंबर्स उसे तत्काल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। यहां डॉक्टर ने उसका हालत गंभीर बताते हुए जिला अस्पताल के लिए भेज दिया। आधी रात को परिजन रमेश को लेकर इमरजेंसी के पास पहुंचे लेकिन इमरजेंसी के अंदर कोई नहीं था। मरीज दर्द से कराह रहा था। असहनीय दर्द को देखकर परिजन भी परेशान थे। जानकारी होने पर आंधे घंटे बाद डॉक्टर और हेल्थ स्टाफ पहुंचा। मरीज की हालत गंभीर बताते हुए उसे तत्काल मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। इस पर फैमिली मेंबर्स ने नाराजगी जताते हुए डॉक्टर पर इलाज में देरी का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। कुछ लोगों के समझाने के बाद मामला शांत हुआ। इसके बाद फैमिली मेंबर्स मरीज को लेकर चले गए।

वर्जन

फैमिली मेंबर्स की ओर से किसी ने कोई शिकायत नहीं की है। यदि कोई शिकायत करता है तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

डॉ। एचआर यादव, एसआईसी