- छेड़खानी की शिकायत पर पिता को थाने में बिठाया
- सहजनवां पुलिस की करतूत, ले रही दबंगों का पक्ष
SAHJANWA: सहजनवां एरिया की गैंग रेप पीडि़ता झूठा साबित करने में जुटी पुलिस हर मामले को फर्जी बताने में लगी है। न्याय के लिए दर-बदर भटक रही गैंग रेप पीडि़ता का मामला ठंडा नहीं पड़ा कि पुलिस ने शुक्रवार को छेड़छाड़ के मामले को भी फर्जी बता दिया। इतना ही नहीं, बेटी संग हुई ज्यादती की शिकायत लेकर थाने पहुंचे पिता को बैठा लिया। आरोप है कि शिकायत वापस लेने को लेकर पुलिस दबाव बनाती रही। देर शाम तक पीडि़त परिवार थाने पर बैठा रहा।
गांव के युवक ने की छेड़खानी
सहजनवां क्षेत्र के एक गांव की किशोरी शुक्रवार को सुबह खेत में गेहूं की मड़ाई करने जा रही थी। घर के बगल से गुजर रही किशोरी को गांव का युवक अकेले में पाकर छेड़खानी करने लगा। किशोरी ने विरोध किया तो युवक ने उसे जान से मार देने की धमकी दी और वहां से भाग गया। लड़की ने घर लौटकर परिजनों को सारी बात बताई।
पिता से भी मारपीट
लड़की के पिता अपने भाई के साथ मनबढ़ युवक के घर छेड़खानी की उलाहना लेकर गए तो आरोपी और उसके घर वालों ने दोनों को लाठी डंडे से पीट दिया। गांव के लोगों ने हस्तक्षेप करके मामला शांत कराया। बेटी को साथ लेकर पिता सहजनवां थाना पहुंचा। पिता ने पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की। थाने के एक सिपाही ने आरोपी पक्ष को जानकारी दी। आरोप पक्ष से बात करके सिपाही मामले को दबाने की कोशिश में लग गया।
पुलिस ने बनाया दबाव
पीडि़ता के पिता का आरोप है कि थाने के एक सिपाही ने मामले में सुलह करने के लिए कहा। वह नहीं माने तो वह तरह-तरह से धमकाने लगा। जब इसके बाद भी वह नहीं माने तो पुलिस ने इंस्पेक्टर से कुछ बात की। इंस्पेक्टर ने लड़की के पिता को ही थाने पर बैठा लिया। कहा कि जब तक मामला मैनेज नहीं करेंगे तब तक थाने में ही बैठना पड़ेगा।
खुद ही जज बन बैठे थानेदार
मामले में जब थानेदार से बात की गई तो उनका कहना था कि तहरीर तो मिली है लेकिन मामला फर्जी लग रहा है। जाहिर है कि थानेदार ने थाने में बैठे-बैठे ही जजमेंट कर लिया। न तो मौके पर पहुंचकर जांच की, न पीडि़ता का बयान लिया, न ही केस दर्ज किया। थाने में बैठकर ही मामले को फर्जी करार दे दिया। पूरी संभावना है कि अब ऐसे में यदि पुलिस पर दबाव भी बनता है तो आगे भी वह मामले को फर्जी करार देने की कोशिश करें। वैसे भी इसके पहले सहजनवां पुलिस गैंग रेप पीडि़ता की पीड़ा को झूठ बता चुकी है।