गोरखपुर (ब्यूरो)। कुलाधिपति, मंगलवार को मदनमोहन मालवीय यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (एमएमएमयूटी) के 8वें कॉन्वोकेशन में स्टूडेंट्स को संबोधित कर रही थीं। शिक्षा के क्षेत्र में भारत की समृद्धता पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे पास नालंदा, तक्षशिला और विक्रमशिला जैसे बड़े शिक्षण संस्थान रह चुके हैं, जहां विदेश से लोग विभिन्न विषयों की शिक्षा हासिल करने आते थे। उन्होंने कहा कि देश की समृद्ध शिक्षा व्यवस्था ही भारत की समृद्धि की वाहक है। हाल ही में भारत की अध्यक्षता में नई दिल्ली में हुए जी-20 सम्मेलन में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने जिस स्थान पर अतिथियों का स्वागत किया, उसके बैकग्राउंड में नालंदा यूनिवर्सिटी की तस्वीर लगी हुई थी, जिसने हमारी शैक्षणिक समृद्धता से सभी को परिचित कराया।
मेहनत ही सफलता का मूलमंत्र
उन्होंने कहा कि भारत, टेक्नोलॉजी और नॉलेज के नए युग में प्रवेश कर चुका है और रोजाना नए आयाम जोड़ रहा है। चंद्रयान के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंङ्क्षडग ने न केवल दुनिया में हमारा मान बढ़ाया है बल्कि पूरी दुनिया हमारी तरफ बहुत उम्मीद से देख रही है। स्टूडेंट्स को जीवन में सफल होने के लिए उन्होंने मेहनत को ही मूल मंत्र बताया। कहा सफलता के लिए परिश्रम के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं है। स्टूडेंट्स को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि परीक्षा अभी खत्म नहीं हुई है, अभी आगे जीवन में बहुत सारी चुनौतियां आएंगी। इनका डटकर सामना करना होगा। उन्होंने यूनिवर्सिटी को नैक रैंङ्क्षकग में ए ग्रेड समेत कई अन्य उपलब्धियों के लिए बधाई दी। नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए उन्होंने आज के दिन को एतिहासिक बताते हुए आश्वस्त किया कि विधानसभा और लोकसभा में जल्द ही महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण भी मिलने लगेगा।
सरकारी नौकरी के मोहपाश से बचें युवा
कुलाधिपति ने रोजगार पर चर्चा करते हुए कहा कि सरकारी नौकरियां जनसंख्या के अनुपात में हमेशा कम रहेंगी। अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ रहा है, जिससे निजी क्षेत्र में भी रोजगार और स्वरोजगार के रोजाना नए अवसर उपलब्ध हो रहे हैं। ऐसे में युवक-युवतियों को सरकारी सेवा के मोहपाश से बचना होगा। उन्होंने अभियांत्रिकी शिक्षा की गुणवत्ता पर जोर दिया।