गोरखपुर (ब्यूरो)। आशंका है कि आग लगने के बाद गिरने से सिर में हल्की चोट आई है। शरीर के हिस्से या चेहरे पर चोट के निशान नहीं मिले हैं, शराब की पुष्टि के लिए विसरा सुरक्षित कर लिया गया है। उधर, पुलिस ने हिरासत में लिए गये प्रधान प्रतिनिधि लाल वचन को पूछताछ के बाद छोड़ दिया है। अब पुलिस की जांच घर के करीबियों पर टिक गई है। मंगलवार को एसपी नार्थ की मौजूदगी में घरवालों को थाने बुलाकर बयान लिया गया, लेकिन केस दर्ज कराने वाली मृतक की बहन रीता नही आई। जबकि मां, भाई योगेंद्र और चाचा ने बयान दिया।
सीसीटीवी फुटेज से छूटा प्रधान प्रतिनिधि
जानकारी के मुताबिक, रविवार की रात 1 बजे के करीब देवीपुर गांव में दोनों पैर से विकलांग सुरेंद्र यादव को जिंदा जलाकर मार दिया गया था। मौत के बाद जलते शव को देखकर मां बेसुध हो गई थी। पुलिस ने सुरेंद्र की बहन रीता की तहरीर पर प्रधान प्रतिनिधि और उसके घर वालों पर हत्या का केस दर्ज कर हिरासत में ले लिया गया। पूछताछ में प्रधान प्रतिनिधि की कोई भूमिका सामने ना आने पर मंगलवार को उन्हें छोड़ दिया गया। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर प्रधान पत्नी को निर्दोष पाया है, अब नए सिरे से छानबीन शुरू कर दी गई है।
शराब लेने वाले की पहचान हुई
पुलिस सीसीटीवी कैमरे की मदद से शराब खरीदने वाले गांव के उस करीबी तक पहुंच गई है, जिसने सुरेंद्र को शराब पिलाई थी। बताया जा रहा है कि शराब लाने वाला मृतक सुरेंद्र के घर का ही है। खबर है कि पुलिस के हाथ अहम सुराग लग गए हैंं और जल्द ही घटना का पर्दाफाश कर लिया जाएगा। वही कल के बाद मंगलवार को मृतक की मां ने कहा कि पता नहीं किसने केस दर्ज कराया है। सूत्रों की माने तो वह घटना को हादसा बता रही है।
सोमवार को किया दाह संस्कार
वहीं चाचा रामजीत के घर भी पुलिस देर शाम गई थी, लेकिन वह नहीं मिला। उधर सोमवार शाम को ही मृतक सुरेंद्र का दाह संस्कार किया गया। इस सम्बंध में एसपी नार्थ मनोज अवस्थी ने बताया कि पोस्टमॉर्टम में सुरेंद्र की मौत आग लगने से होने की पुष्टि हुई है। सिर के पिछले हिस्से पर मामूली चोट है। आशंका है कि आग लगने के बाद गिरने या छटपटाने के दौरान वह चोट आई होगी। पूछताछ में प्रधान प्रतिनिधि की कोई भूमिका सामने नहीं आने पर उन्हें छोड़ दिया गया है। पुलिस हर पहलू पर जांच कर रही है जल्द ही घटना का पर्दाफाश कर लिया जाएगा।