गोरखपुर (ब्यूरो).बता दें, इन दिनों सड़कों पर स्ट्रीट डॉग के झुंड सक्रिय है। आने जाने वाले राहगीर अगर इनसे संभलकर न रहे तो इनकी चपेट में आना भी कोई बड़ी बात नहीं है। शुक्रवार को 150 मरीज सिर्फ जिला अस्पताल पहुंचे थे। इन सभी को स्ट्रीट डॉग के काटने पर एआरवी की डोज दी जा रही थी। एआरवी की रिपोर्ट दे रहे बृजभूषण यादव बताते हैैं कि इन दिनों स्ट्रीट डॉग के काटने के मामले बढ़ गए हैैं। जबकि सांप और बंदर के काटने के मामले कम हैैं। सोमवार के ओपीडी में स्ट्रीट डॉग के शिकार मरीजों की संख्या 200 तक पहुंच जाती है।
एक महीने में 1,700 वायल हो गए खत्म
गोरखपुर जिला अस्पताल छोड़कर पीएचसी-सीएचसी पर वैक्सीन खत्म होने से काफी दिक्कतेें बढ़ी हैैं। बारिश के बीच जिले में कुत्तों के काटने के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। पिछले एक माह की बात करें तो 17000 वायल मरीजों को लगाए गए हैं। एक वायल में पांच लोगों को वैक्सीन लगाई जाती है।
इंसान के काटने पर भी लगवाएं एआरवी
जिला अस्पताल के फिजिशियन राजेश कुमार ने बताया कि रैबीज केवल पशुओं के काटने से ही नहीं फैलता है। अगर इंसान भी किसी को काटते हैं और उसके लार या फिर उसके खून इंसान के संपर्क में आते हैं, तो ऐसे लोगों को भी एआरवी लगवाने चाहिए। जबकि, अक्सर लोग इसे नजरअंदाज कर जाते हैं।
दिन - स्ट्रीट डॉग के शिकार
16 सितंबर - 150
15 सितंबर - 138
14 सितंबर - 142
13 सितंबर - 154
12 सितंबर - 123
10 सितंबर - 139
एआरवी खत्म हो गई है। लखनऊ डिमांड भेजी गई है। साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों को भी इसकी सूचना दी गई है। लखनऊ से दो से तीन दिनों के अंदर मिलने की उम्मीद है।
डॉ। राजेंद्र ठाकुर, एसआईसी, जिला अस्पताल