- आई नेक्स्ट ने भी उठाया था कर्मचारियों के बीच भेदभाव का आरोप

GORAKHPUR: सिटी में सफाई कर्मचारियों की तैनाती के लिए निकाला गया टेंडर आखिरकार थर्सडे को नगर आयुक्त ने निरस्त कर दिया। पार्षदों का आरोप था कि कर्मचारियों की तैनाती दबंगई के आधार पर की गई है। आई नेक्स्ट ने भी पार्षदों की इस बात की जांच की थी। जांच के बाद आई नेक्स्ट ने क्भ् मार्च को 'क्0 सफाईकर्मी और ख्फ्9 नाले कैसे होगी सफाई' और क्7 मार्च के एडिशन में 'पार्षदों ने सफाई पर उठाए सवाल' हेडिंग से खबर पब्लिश की। इन खबरों में आई नेक्स्ट ने बताया कि नाले की सफाई नहीं हो पाएगी, मार्केट और भीड़ वाले एरिया का भी कूड़ा नहीं उठ पाएगा क्योंकि नगर निगम ने आवासीय वार्डो में अधिक कर्मचारी की तैनाती की गई है, जबकि मार्केट और भीड़ वाले वार्डो में कम तैनाती की है।

जनार्दन चौधरी ने किया डीएम से कंप्लेन

क्9 मार्च को सफाई का टेंडर खुलने का समय था। जब पार्षदों के कंप्लेन के बाद टेंडर निरस्त नहीं हुआ तो थर्सडे को पार्षद जर्नादन चौधरी ने डीएम रंजन कुमार से कंप्लेन करने पहुंच गए। इस पर डीएम ने तत्काल नगर आयुक्त को तलब किया और दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद टेंडर निरस्त करने को कहा। इस पर नगर आयुक्त ने शाम को टेंडर निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया।

सफाई कर्मचारियों की तैनाती के लिए टेंडर निकाला गया था, लेकिन अपरिहार्य कारणों के कारण यह टेंडर निरस्त किया जाता है। जल्द ही संशोधन करके फिर से टेंडर निकाला जाएगा।

राजेश कुमार त्यागी, नगर आयुक्त