- एक ठेकेदार ने चीफ इंजीनियर को पत्र लिखकर जताई आपत्ति
GORAKHPUR: नगर निगम का निर्माण विभाग काम शुरू होने से लेकर काम पूरा होने तक जमकर खेल करता है। इसका ताजा उदाहरण सैटर्डे को देखने को मिला, जब एक ठेकेदार ने नगर निगम के चीफ इंजीनियर को पत्र लिखकर घालमेल की आशंका व्यक्त की। ठेकेदार ने पत्र में लिखा है कि आज नगर निगम का टेंडर पड़ रहा है, लेकिन टेंडर इंटरनेट वेबसाइट से डाउनलोड नहीं हो रहा है। इस वजह से बैंक के काम में काफी परेशानी हो रही है।
ख्7 कामों के टेंडर बिके
निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर एसके केसरी ने बताया कि सैटर्डे को जो टेंडर बिका है। वह चार दिन पहले बिकना था, लेकिन नगर निगम में हड़ताल के चलते नहीं बिक पाए। वही टेंडर आज बिके हैं, इसमें कुल ख्7 कामों के टेंडर थे। सारे काम क्फ्वें वित्त आयोग और नगरीय सड़क सुधार योजना के तहत होने थे। चीफ इंजीनियर ने बताया कि सभी कामों का टेंडर बिक गया है। इसमें सबसे अधिक काम सड़क और नाला निर्माण का है। वहीं एक ठेकेदार ने नाम न छपने की शर्त पर बताया कि यह पूरा काम निर्माण विभाग के बाबू ने किया है। उसने अन्य लोगों से क्0 हजार रुपए लेकर इन कामों की लिस्ट को नगर निगम के कंप्यूटर विभाग को दिया ही नहीं है। जिससे वह नेट से डाउनलोड नहीं हो पाया है।
इसलिए नहीं डालते नेट पर
नगर निगम के एक अफसर का कहना है कि शासनादेश है कि नगर निगम में कोटेशन हो या टेंडर किसी भी काम को नगर निगम की साइट पर अपलोड कराना अनिवार्य है। यह आदेश टेंडर में पारदार्शिता लाने के लिए किया जाता है, लेकिन नगर निगम अपने हिसाब से काम करता है। टेंडर बेचने के पहले अगर नगर निगम की वेबसाइट पर नहीं अपलोड नहीं होता है तो इसमें घालमेल की आशंका होती है। जिस भी काम का टेंडर वेबसाइट पर अपलोड नहीं होता है, उसमें उसे मैनेज करने की आशंका रहती है।
ऐसा नहींहै। मुझे सूचना मिली तो मैंने देखा तो डाउनलोड हो रहा था। जो काम पहले के थे उनके बारे में कोई जानकारी नहीं है। अगर यह इंटरनेट पर है तो तत्काल अपलोड किया जाएगा।
एसके केसरी, चीफ इंजीनियर, जीएमसी