- 15 डिग्री सेल्सियस के पास पहुंचा टेंप्रेचर डिफरेंस
- वायरस एक्टिवेट होने की फेवरेबल कंडीशन
- कश्मीर में ठंड बढ़ने से आगे मैक्सिमम में हो सकती है गिरावट
GORAKHPUR: मौसम की उठापटक का सिलसिला बदस्तूर जारी है। इन दिनों लगातार सर्द हो रही रातों से लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। इन सबके बीच दिन में धूप और शाम में सर्द हवाओं ने मुश्किलें बढ़ानी शुरू कर दी हैं। हालत यह है कि मौसम के बदले रुख ने लोगों को कुछ लापरवाह भी बना दिया। मौसम की यह उठा-पटक लोग झेल नहीं पा रहे हैं, इसकी वजह से वह बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। आने वाले दिनों की बात करें तो टेंप्रेचर में अब लगातार गिरावट दर्ज होगी और यह लोगों की मुश्किलें और बढ़ाएगा।
टेंप्रेचर डिफरेंस बढ़ा सकता है परेशानी
मौसम की उठा-पटक का असर भी गोरखपुराइट्स पर पिछले कुछ दिनों से साफ नजर आ रहा है। सुबह और शाम के टेंप्रेचर चेंज की वजह से बच्चे-बूढे़ लोगों के साथ ही दमा और कार्डिएक पेशेंट्स की परेशानी बढ़ गई। एटमॉस्फियर में पॉल्युशन पार्टिकिल्स के साथ ही ओस और हवा लोगों पर एक साथ हमला कर रही है, जिसकी वजह से सांस लेने की प्रॉब्लम के साथ ही गला चोक, दम घुटने जैसे कई केसेज सामने आ रहे हैं। जिसे दिखाने के लिए अस्पतालों के बाहर लोग कतार में लगे हुए हैं।
वायरस का घर बनी ह्यूमन बॉडी
मौसम का मौजूदा हाल पेशेंट्स के लिए तो काफी खतरनाक है। जो बीमार नहीं हैं, उन्हें भी इसे हलके में नहीं लेना चाहिए। मौसम का मिजाज लगातार चेंज हो रहा है, ऐसे चेंज से वायरस काफी तेजी से बढ़ गई है। इस ग्रोथ में ह्यूमन बॉडी एक वेक्टर के तौर पर वर्क करने लगती है। बाहर के टेंप्रेचर को मेनटेन करने के लिए वाइरस ह्यूमन बॉडी का इस्तेमाल करते हैं और अपनी लाइफ स्टाइल को मेनटेन करते हैं। मगर लगातार बदल रहे टेंप्रेचर में बॉडी खुद टेंप्रेचर मेनटेन करने में नाकाम है, जिसकी वजह से लोग लगातार बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।
दिसंबर में मैक्सिमम और मिनिमम
साल मैक्सिमम (डेट) मिनिमम (डेट)
2017 28.4 (8) 8.0 (18)
2016 28.0 (3) 7.8 (17)
2015 29.1 (7) 4.4 (21)
2014 24.6 (1) 4.4 (31)
2013 27.2 (3) 5.4 (30)
2012 27.2 (11) 5.1 (27)
2011 29.3 (2) 4.5 (25)
ऑल टाइम रिकॉर्ड
मैक्सिमम - 30.5 (2, 1984)
मिनिमम - 2.8 (29, 1913)
पिछले कुछ दिनों में टेंप्रेचर
डेट मैक्सिमम मिनिमम
2 दिसंबर 25.9 10.7
1 दिसंबर 26.4 12.0
30 नवंबर 27.1 12.8
29 नवंबर 27.8 13.5
28 नवंबर 27.9 13.4
27 नवंबर 28.1 12.5
26 नवंबर 27.0 10.8
क्या बरतें सावधानी
- पूरे शरीर को ढंक कर चलें जिससे म्वाइस्ट एयर न कॉन्टैक्ट होने पाए
- धूप निकलना शुरू न हो जाए तब तक बाहर निकलना अवाइड करें।
- ढके बदन और नाक मुंह पर कपड़ा बांधकर ही वॉकिंग के लिए जाएं।
- सिर पर टोपी लगाएं।
- शाम को दिन डूबने के बाद भी स्वेटर और टोपी का इस्तेमाल करें
- घर के अंदर रहें तो भी फुल स्वेटर और जैकेट पहने रहें।
- गाड़ी चलाते वक्त हेलमेट पहनें जिससे दोनों ही कंडीशन में बचा जा सके।
- कोई प्रॉब्लम हो रही है तो डॉक्टर की सलाह लें।
- बच्चों को खुले में न टहलाएं और कवर किए रहे।
वर्जन
टेंप्रेचर में यह उठापटक जारी रहेगी। अब मैक्सिमम और मिनिमम दोनों ही टेंप्रेचर में गिरावट दर्ज होगी। आने वाले दिनों में सर्दी और बढ़ेगी, धूप की तपिश कम होती जाएगी। सुबह और देर शाम को कोहरा भी रहेगा।
- जेपी गुप्ता, रीजनल डायरेक्टर, आईएमडी लखनऊ
टेंप्रेचर चेंज होने की वजह से पेशेंट्स की तादाद काफी बढ़ी है। मौसम का जिस तरह से रुख है, इसमें जरा सी भी लापरवाही बीमार बना सकती है। बाहर निकलते वक्त स्वैटर और जैकेट तो पहने हीं, साथ ही सर को भी ढंक कर चलें। वहीं कोई भी बीमारी हो तो खुद दवा लेने के बजाए डॉक्टर्स की सलाह के बाद ही मेडीटेशन लें।
- डॉ। सुधांशु शंकर, फिजिशियन