- हाकिमों की दर पर टूट रही फरियाद की उम्मीद

- ट्यूज्डे को 818 मामलों में सिर्फ 36 का हुआ निस्तारण

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : तहसील दिवस में फरियाद सुनी जाएगी। मौके पर मौजूद अफसर समस्याओं का निस्तारण करेंगे। त्वरित न्याय मिलेगा, दरख्वास्त लेकर इधर उधर दौड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह सपने सिर्फ सपने रह गए। तहसील दिवस की परिकल्पना झूठी निकली। तहसील दिवसों का आयोजन महज कोरम बनकर रह गया है। यह हम नहीं कह रहे बल्कि ट्यूज्डे को तहसीलों पर आई समस्याओं और उनके निस्तारण की रिपोर्ट हकीकत बयां कर रही है। कुल 818 प्रार्थना पत्रों में सिर्फ 36 मामलों का मौके पर निस्तारण हो सका।

तहसील दिवस बन गया कोरम दिवस

गवर्नमेंट का निर्देश है कि तहसील दिवस पर सभी अफसर मौजूद रहकर समस्याओं का निस्तारण करें। इसलिए सभी विभागों के अफसर तहसील दिवस में पहुंचते हैं। प्रार्थना पत्रों के सामने आने पर संबंधित विभाग के अफसरों को उसकी जांच सौंपी जाती है। प्रभारी अधिकारी हर मामले को देखकर निस्तारण का निर्देश देते हैं। जिला प्रशासन के सभी विभागों के अफसर तहसील दिवस में मौजूद रहते हैं। ऐसे में कई बार मौके पर मामले का निस्तारण हो जाता है। लेकिन दिवस पर अफसरों की भारीभरकम मौजूदगी भी पब्लिक को फायदा नहीं पहुंचा पा रही। गिनीचुनी शिकायतों के अतिरिक्त ज्यादातर मामले जांच के नाम पर पेडिंग रह जा रहे हैं। इसलिए तहसील दिवस कोरम दिवस बन कर रह गया है।

मौके पर सिर्फ 36 मामलों का हो सका निस्तारण

ट्यूज्डे को जिले के सभी तहसीलों में कुल 818 मामले अफसरों के सामने आए। लेकिन इनमें से महज 36 मामलों का निस्तारण हो सका। ट्यूज्डे को बांसगांव तहसील में सर्वाधिक शिकायतें सामने आई। डीएम रंजन कुमार के तहसील दिवस की अध्यक्षता करने की सूचना पर फरियादियों की भीड़ जमा हो गई। मौके पर सिर्फ तीन मामलों का निस्तारण हो सका। एक गलत शिकायत पर डीएम ने शिकायतकर्ता को जमकर फटकार लगाई। अन्य फरियादी प्रार्थना पत्र देकर घर चले गए। प्रार्थना पत्रों पर हुई कार्रवाई के लिए लोगों को दोबारा अफसरों के दफ्तर का चक्कर लगाना पड़ेगा।

तहसील मामले निस्तारण

चौरीचौरा 62 06

बांसगांव 175 03

गोला 140 11

सहजनवां 152 04

कैंपियरगंज 80 02

सदर 110 04

खजनी 99 06