गोरखपुर (ब्यूरो)।उनका मूल्यांकन का भुगतान न होने की वजह से रविवार को टीचर्स ने यूनिवर्सिटी गेट पर भिक्षाटन किया। इस दौरान भीख में मिले पैसों को वह मनीऑर्डर के जरिए राजभवन में भेजेंगे।

डीडीयूजीयू गेट पर एमएलसी ने दी भिक्षा

सेल्फ फाइनेंस कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के टीचर्स बड़ी संख्या में सुबह यूनिवर्सिटी गेट पर इकट्ठा हो गए। एमएलसी देवेन्द्र प्रताप सिंह ने समस्याओं पर बात की और भुगतान की समस्या पर वीसी से वार्ता करने और राजभवन को पत्र भेजकर समस्या के समाधान का आश्वासन दिया। उन्होंने 501 रुपए भिक्षापात्र में भी डाला। राज्यसभा सांसद डॉ। राधामोहन दास अग्रवाल को भी ज्ञापन दिया।

गोरखनाथ मंदिर जाकर दिया ज्ञापन

टीचर्स ने गोरखनाथ मंदिर जाकर सीएम योगी आदित्यनाथ के नाम का ज्ञापन सौंपा। भिक्षाटन में मिले 2144 रुपए को सोमवार को मनीऑर्डर के जरिए राजभवन भेजेंगे। इस दौरान डॉ। अजय कुमार शर्मा, डॉ। दिवाकर द्विवेदी, डॉ। यतीन्द्र दुबे, डॉ। विकास कुमार श्रीवास्तव, डॉ। बीएन उपाध्याय, डॉ। सहित बड़ी संख्या में टीचर्स मौजूद रहे।

दो साल से बाकी है भुगतान

सेल्फ फाइनेंस कॉलेज टीचर्स का आरोप है कि दो साल से उनको एग्जामिनेशन ड्यूटी, कॉपी चेकिंग और नोडल सेंटर से क्वेश्चन पेपर और कॉपी को ले आने और पहुंचाने का खर्च नहीं मिला है। इसकी वजह से वह काफी परेशान हैं। कुछ दिनों पहले यूनिवर्सिटी प्रशासन की तरफ से भुगतान कर दिए जाने की बात कही गई मगर वो भी पूरा नहीं किया गया।

अटका हुआ है पेमेंट

दो दिन पहले यूनिवर्सिटी की ओर से एक विज्ञप्ति जारी की ये बताया गया था कि सेल्फ फाइनेंस कॉलेज के टीचर्स का मूल्यांकन और अन्य देयकों का अधिकांश भुगतान कर दिया गया है। बाकी भुगतान की प्रक्रिया में है। इससे संबंधित कोई भी फाइल पिछले 10 दिनों से वीसी ऑफिस में पेंडिंग नहीं है।

इस काम का बाकी है पेमेंट

सेल्फ फाइनेंस कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ। अजय शर्मा ने बताया कि 350 कॉलेजों में सेवा देने वाले प्रिंसिपल और टीचर्स का विभिन्न मदों में 2 करोड़ रुपए से अधिक बकाया है। इसमें कॉपी चेकिंग, परीक्षा में कक्ष परीप्रेक्षण, प्रश्नपत्र और उत्तर पुस्तिका को नोडल केंद्र से ले आने और पहुंचाने, परीक्षा समायोजन आदि शामिल हैं।

सेंटर डिबार होने का डर

सेल्फ फाइनेंस कॉलेज के टीचर्स ने बताया कि इस भिक्षाटन में अभी बहुत से टीचर्स और प्रिंसिपल शामिल नहीं हो पाए। उन्हें डर है कि वे अगर इसमें शामिल होंगे तो उनके कॉलेज का सेंटर डिबार कर दिया जाएगा। इससे कई लोगों की जीविका चलती है।