- स्कूल में एडमिशन से पहले टीचर्स के बारे में कर लें पड़ताल, टीचर्स अगर अच्छे तो स्टूडेंट्स का फ्यूचर बेहतर

- बच्चे के एडमिशन कराने से लगाए किन-किन बातों का ध्यान रखें इसके लिए एक्सप‌र्ट्स ने दी सलाह

- आई नेक्स्ट कैंपेन मिशन एडमिशन की चहुंओर हुई प्रशंसा

GORAKHPUR: ज्यादातर स्कूलों में प्री-नर्सरी और नर्सरी क्लासेज में एडमिशन का सिलसिला तेजी से चल रहा है। बच्चों का एडमिशन कराने के लिए पेरेंट्स कई स्कूलों से फॉर्म सबमिट करने में जुटे हुए हैं। बस उन्हें कनफ्यूजन इस बात का है कि वह किस स्कूल में अपने बच्चे का एडमिशन कराएं? कई पेरेंट्स तो अच्छे टीचर्स वाले स्कूल की तलाश में भटक रहे हैं। मगर अब तक उनकी तलाश खत्म नहीं हो सकी है।

जमकर हुई सराहना

आईनेक्स्ट कैंपेन मिशन एडमिशन को लेकर चहुंओर जबरदस्त चर्चा है। न सिर्फ चर्चा है बल्कि छ दिन चले इस कैंपेन की मॉर्केट में जबरदस्त प्रशंसा भी हो रही है। आई नेक्स्ट कैंपेन के लास्ट डे एक्सप‌र्ट्स ने पेरेंट्स के सामने आने वाली समस्याओं का समाधान करते हुए बताया कि किसी भी स्कूल में एडमिशन कराने से पहले स्कूल के टीचर्स, एकेडमिक एन्वॉयरमेंट देखने के साथ-साथ वहां के बच्चों से संपर्क कर जानकारी इक्ट्ठा कर सकते हैं। जिससे उन्हें अपने बच्चों का फ्यूचर संवारने में काफी मदद मिलेगी।

टीचर्स का है अहम रोल

साइक्लोजिस्ट डॉ। धनंजय कुमार बताते हैं कि कई ऐसे पेरेंट्स होते हैं कि वह सिर्फ ब्रांड खोजते हैं। वहीं कुछ पेरेंट्स ब्रांड को प्रिफर करने के बजाए स्कूल टीचर्स को महत्व देते हैं। कई ऐसे स्कूल हैं जो मार्केट में बहुत प्रचार प्रसार करते हैं, लेकिन वहां टीचर्स योग्य नहीं होते हैं। औने-पौने सैलरी पर काम करने वाले यह टीचर्स सिर्फ पढ़ाने का कोरम पूरा कर फॉर्मेल्टी निभाते हैं। ऐसे में बच्चों का फ्यूचर खराब होना तो लाजमी है। अच्छे स्कूल जल्दी अपने टीचर नहीं चेंज करते हैं। जबकि नए व पुराने स्कूल बार-बार टीचर्स को चेंज करते रहते हैं। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उस स्कूल का पढ़ाई का वातावरण कैसा होगा।

बच्चों का होता है नुकसान

सोश्योलॉजिस्ट डॉ। कीर्ति पांडेय बताती हैं कि योग्य टीचर्स से ही स्कूल की पहचान होती है। जब तक योग्य टीचर्स स्कूल में नहीं होंगे। तब तक स्कूल में अच्छी पढ़ाई संभव नहीं है। इसलिए स्कूल मैनेजमेंट को अच्छे शिक्षक रखने चाहिए। इसके लिए पेरेंट्स को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जिस स्कूल का मैनेजमेंट बार-बार अपने यहां टीचर्स को चेंज कर देता है या फिर सैलरी को लेकर आए दिन स्कूल में टीचर्स से कहासुनी हो रही है, उस स्कूल के टीचर्स कितना दिल लगाकर पढ़ाते होंगे।

बच्चे के एडमिशन के लिए अच्छे टीचर्स का होना बेहद जरूरी है। क्योंकि अच्छा टीचर नहीं होगा तो फिर बच्चे का बेसिक कॉन्सेप्ट क्लीयर नहीं हो सकता है।

मनीष चौरसिया

आई नेक्स्ट की तरफ से चलाए गए कैंपेन से काफी मदद मिली है। यह बेहद सराहनीय कैंपेन रहा है। इसके लिए आई नेक्स्ट टीम को थैंक्स। इन छह दिनों में एडमिशन को लेकर जितने भी कंफ्यूजन थे, वह सब दूर हो गए।

रविशंकर पांडेय

बच्चे के एडमिशन कराने से पहले जहां स्कूल की जांच-परख के साथ-साथ उनके यहां के अच्छे टीचर्स की जांच-पड़ताल करनी चाहिए। इसके लिए आई नेक्स्ट कैंपेन ने आंखें खोल दी। यह बेहद सराहनीय कैंपेन रहा।

अखिलेश मिश्रा

बच्चे के एडमिशन को लेकर बहुत कंफ्यूजन रहता है। स्कूल वही अच्छा होता है जहां अच्छे टीचर्स होते हैं। क्योंकि जब अच्छे टीचर्स होंगे तो वहां पढ़ाई भी अच्छी होगी। इसलिए स्कूल के टीचर्स, मैनेजमेंट, फैकेल्टी की जांच-परख करने के बाद ही दाखिला दिलाना बेहतर होगा।

डॉ। सुरेश सिंह

आई नेक्स्ट कैंपेन मिशन एडमिशन बेहद सराहनीय रहा है.इस कैंपेन के थ्रू काफी जानकारियां प्राप्त हुईं। तमाम स्कूल ऐसे मिले जो बेहतर होने का दावा करते रहे, लेकिन इस कैंपेन से आंखें खुल गई।

डॉ। सुरेश द्विवेदी

वैसे तो स्कूल बहुत हैं। सब बेहतर सुविधा देने का दावा करते हैं, लेकिन ग्राउंड लेवल पर देखने के बाद पता चलता है कि उस स्कूल के पास कोई भी सुविधा भी नहीं है। लेकिन इस कैंपेन से इस बात की जरूर सीख मिली की किस बच्चे के एडमिशन से पहले किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

अजय सिन्हा

किसी भी स्कूल में एडमिशन से पहले अच्छे टीचर्स की जांच-पड़ताल कर लेने चाहिए। कई बार तो स्कूल मैनेजमेंट बड़े-बड़े दावे करता है, जबकि हकीकत में ऐसा होता नहीं है। इसलिए जब तक स्कूल में अच्छे टीचर्स नहीं होंगे। तब तक अच्छी पढ़ाई संभव नहीं है।

हिमांगी चौधरी, एक्सपर्ट

हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी स्कूल की पहचान दिलाने में उस स्कूल के टीचर्स का अहम रोल होता है। अगर टीचर्स अच्छे होंगे तो पढ़ाई भी अच्छी होगी। अगर पैरेंट्स क्वेरी भी करते हैं तो स्कूल मैनेजमेंट कॉफिडेंस के साथ उसका जवाब दे सकेगा।

अपनीत गुप्ता, एक्सपर्ट