- 78 लाख रुपए के टीडीएस का फर्जीवाड़ा

- आयकर अफसरों ने कैंट में दर्ज कराया केस

GORAKHPUR: तीन कंपनियों की टीडीएस कटौती के साथ 78 लाख रुपए के रिफंड का फर्जीवाड़ा सामने आया है। जांच पड़ताल के बाद इनकम टैक्स विभाग के अधिकारियों ने कैंट थाना में केस दर्ज कराया। फर्जी दस्तावेज तैयार करके जालसाजी करने के मामले में पुलिस छानबीन कर रही है।

जांच में नहीं मिली कंपनियां

संतकबीर नगर जिले के खलीलाबाद की कंपनी यूनिवर्स प्राइड मार्कफेड प्राइवेट लिमिटेड, राजेंद्र सिंह चढ्डा एचयूएफ तमकुहीराज और अपर इंडिया शुगर एंड कंपनी के नाम से फर्जीवाड़ा किया गया। वर्ष 2012 से लेकर 2015 तक कंपनियों ने अपने कर्मचारियों का टीडीएस काटने की जानकारी आयकर विभाग को दी। इसके बाद कंपनी ने करीब 78 लाख रुपए के रिफंड का क्लेम किया। आयकर विभाग ने ज्यादातर कर्मचारियों का रिफंड कर दिया। लेकिन तीनों कंपनियों का फर्जीवाड़ा सामने आ गया। कंपनी के अधिकारियों ने इनकम टैक्स विभाग के किसी पत्र का जवाब नहीं दिया। भौतिक सत्यापन में कंपनी के बारे में जानकारी नहीं मिल सकी।

फर्जी निकला टिन नंबर

इनटैक्ट ऑफिसर (टीडीएस) एएम भटनागर ने कंपनियों के पैन नंबर और टिन नंबर की जांच कराई1 जांच में वह फर्जी पाए गए। इनका कोई रजिस्ट्रेशन रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी के वहां नहीं पाया गया। इसके बाद आयकर अधिकारियों ने कैंट पुलिस को सूचना दी। आयकर अधिकारी एएम भटनागर की तहरीर पर पुलिस ने यूनिवर्स प्राइड के एकाउंट मैनेजर विनोद शाह, अपर इंडिया शुगर के अभिमन्यु त्रिपाठी, राजेंद्र सिंह चढ्डा के संजीव यादव के खिलाफ केस दर्ज किया।

आयकर अधिकारियों की सूचना पर केस दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। फर्जी कंपनी खोलकर टीडीएस का गोलमाल किया गया है।

राजीव सिंह, इंस्पेक्टर कैंट