- गोलघर सीरियल ब्लास्ट में भी चल रहा मुकदमा
- 23 मई 2007 को हुए विस्फोट से दहल गया था गोरखपुर
द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : 22 मई 2007, शाम करीब सात बजे, खुशनुमा माहौल के बीच रोशनी से नहाया गोलघर अचानक दहल उठा। करीब सात बजे पांच-पांच मिनट के अंतराल पर एक-एक कर तीन बम विस्फोट हुए। फिजा में बारूद की गंध फैल गई। भीड़भाड़ ज्यादा होने से पूरे गोलघर में अफरातफरी मच गई। चारों ओर लोग चीखते-चिल्लाते हुए भागने में लगे थे। हर कोई बस जान बचाने को फ्रिकमंद था। घटना में छह लोग घायल हुए। उपचार से उनके बदन के घाव तो भर गए, लेकिन दहशतगर्दी का दर्द आज भी कंपाता है। फ्राइडे को आतंकी तारिक काजमी को बाराबंकी में अदालत ने कचहरियों में ब्लास्ट का दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई। लेकिन गोरखपुराइट्स को उस दिन का इंतजार है जब गोलघर कांड में भी इनको सजा मिलेगी।
कचहरियों में ब्लास्ट के बाद सामने आया तारिक काजमी
गोलघर सीरियल ब्लास्ट के ठीक छह माह बाद फैजाबाद, इलाहाबाद और लखनऊ की कचहरियों में बम फूटे। गोलघर के बाद लगातार हुई घटना हुई से सुरक्षा एजेंसियां भी सकते में आ गई। तेजी से हुई जांच में सुरक्षा एजेंसियां दहशतगर्दो तक पहुंचने में कामयाब हुई। यूपी एटीएस ने बाराबंकी रेलवे स्टेशन से दो संदिग्धों को पकड़ा। भारी मात्रा में विस्फोटक लेकर जा रहे दोनों युवक आतंकी संगठन हूजी से जुड़े पाए गए। दोनों की पहचान आजमगढ़ जिले के तारिक काजमी और खालिद मुजाहिद के रूप में हुई। तब एटीएस से जुड़े लोगों ने बताया था कि इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों के साथ मिलकर गोरखपुर में सीरियल ब्लास्ट किया था। तत्कालीन एडीजी बृजलाल ने इसकी पुष्टि की थी। बाद में एक अन्य आतंकी सलमान को भी अरेस्ट किया गया। तारिक सहित अन्य आतंकियों के खिलाफ कैंट थाने में मुकदमा दर्ज है। आतंकियों के मुकदमे का ट्रायल चल रहा है।
कब क्या हुआ
- 22 मई 2007, टाउन हाल के सामने, बलदेव प्लाजा पेट्रोल पंप और गणेश चौराहे पर ट्रांसफार्मर के पास बम फूटे। घटना में छह लोग घायल हुए।
- 24 मई को उत्तर प्रदेश के डीजीपी और मुख्य सचिव ने घटनास्थल का दौरा किया।
- 30 मई को संदिग्ध आतंकियों का स्केच जारी हुआ।
इंसानियत के दुश्मनों को मिलनी चाहिए सजा
शाम करीब सात बज रहे थे। पेट्रोल पंप मालिक के घर सब्जी ले जानी थी। मैं सब्जी खरीदकर बाजार से आया। झोला पेट्रोल पंप पर झोला रखकर सुर्ती मलने लगा। सोचा अभी थोड़ी देर बाद हरिओम नगर में रहने वाले मालिक के घर जाउंगा। तभी अचानक एक धमाका हुआ। उस धमाके से भगदड़ मच गई। मेरे दाहिने कंधे में बम से निकला टुकड़ा आ धंसा। खून बहने पर मैं भी चिल्लाने लगा। फटाफट सभी दुकानें बंद हो गई। तभी थोड़ी देर में गणेश चौराहे के पास शेरे पंजाब होटल के नीचे लगे ट्रांसफॉर्मर के पास बम फूटा। मुझे जिला अस्पताल पहुंचाया गया। एक माह तक भर्ती रहने के बाद दोबारा काम पर लौटा। बाद में समाचारों से पता चला कि तारिक काजमी ने विस्फोट किया था। उसको तो सजा मिलनी ही चाहिए। ये लोग पूरे समाज के दुश्मन हैं, लेकिन जब गोरखपुर में इनको सजा होगी तब इंसाफ होगा।
संतोष सिंह, बम विस्फोट में घायल पेट्रोल पंप कर्मचारी
मैं शाम की नमाज पढ़ रहा था। मेरे दुकान के पास ट्रांसफॉर्मर लगा है। वहां बगल में मेरे भाई ने गुमटी ने बुक स्टाल खोला है। अचानक ट्रांसफॉर्मर के पास एक धमाका हुआ। धुआं-धुंआ होने पर अफरातफरी मच गई। मेरे दुकान के सामने छर्रा और बारूद फैल गया। बुक स्टॉल पर खड़े होकर मैगजीन पढ़ रहे कुछ लोग घायल हो गए। उनके पैरों में छर्रे लगे। तभी पता चला कि इसके पहले दो धमाके हो चुके हैं। पूरे गोलघर में अफरातफरी मची है। इसके बाद हम लोग भागने लगे। थोड़ी देर में पुलिस आ गई। घायलों को जिला अस्पताल ले गए। पूरा मार्केट बंद हो गया। चारों तरफ सिर्फ वर्दी वाले ही नजर आ रहे थे। बाद में पता चला कि आतंकवादियों ने विस्फोट किया था।
शमसुल हसन, नावेल्टी हैंडलूम स्टोर्स के मालिक