-बुखार से पीडि़त मरीज को झाड़-फूंक से ठीक करने का दावा
- इमरजेंसी के बाहर चलता रहा अंधविश्वास का खेल, जिम्मेदारों को खबर नहीं
GORAKHPUR: इससे बड़ी विडंबना क्या होगी कि जब इंसान मंगल पर जाने का मंसूबा बना रहा है, जिला अस्पताल में एक सोखा ने बीमार व्यक्ति का इलाज करने का दावा किया है। जिला अस्पताल की चारदीवारों के अंदर झाड़-फूंक और तंत्र-मंत्र का इस्तेमाल होता रहा और जिम्मेदार आंखें मूंदे बैठे रहे। यह वाकया बुधवार का है। इमरजेंसी के बाहर तेज बुखार से पीडि़त एक मरीज का इलाज सोखा ने पूजा-पाठ के जरिए करने का दावा किया। हैरानी की बात यह रही कि पेशेंट के घर वाले भी उसकी इलाज से संतुष्ट हो गए और बिना डिस्चार्ज कराए ही घर लौट गए। मरीज का नाम लामा रजिस्ट्रर में दर्ज कर दिया गया है। अस्पताल में इस अंधविश्वास की खूब चर्चा रही।
डॉक्टर ने बताया हाई फीवर
चिलुआताल इलाके के रामभरोस तेज बुखार से पीडि़त थे। घर वाले उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे थे तो डॉक्टर ने हाई फीवर के चलते उसे इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कर दिया। बुधवार की दोपहर में घर वालों ने एक सोखा से संपर्क साधा और वहीं पर झाड़-फूंक शुरू करा दिया। अस्पताल परिसर में इमरजेंसी के बाहर ही सोखा ने बाकायदा अपना तंत्र-मंत्र शुरू कर दिया। इस अंधविश्वास के दौरान मरीजों के तीमारदार और अस्पताल के कुछ कर्मचारी भी उपस्थित थे। लेकिन किसी ने भी इसे रोकने का प्रयास नहीं किया। घर वाले भी पूरी सोखइती कराने के बाद अपने मरीज को लेकर वापस चले गए। इसकी जानकारी जब अस्पताल प्रशासन को हुयी तो आनन-फानन में मरीज का नाम लामा रजिस्टर में दर्ज कर दिया गया।
वर्जन
इस बारे में मुझे कोई भी जानकारी नहीं है। इसके बारे में पता लगाएंगे। अगर कोई शिकायत करता है तो इसकी जांच कराएंगे।
- डॉ। एचआर यादव,
एसआईसी, जिला अस्पताल