- नवंबर माह में 10 हजार से अधिक बने टेबल बिल

- पब्लिक लगा रही बिजली विभाग के ऑफिस का चक्कर

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : इन दिनों गलत बिजली बिलों को सही करवाने के लिए लोगों की लाइन बिजली विभाग के ऑफिसेज के बाहर लग रही है। सिटी में बिजली सप्लाई सही हुई है तो गलत बिजली बिल ने परेशानी खड़ी कर दी है। ये सब हुआ है बिल रीडिंग करने वाली मेट्रो कंपनी के कर्मचारियों की लापरवाही से। जिन्होंने आरामतलबी दिखाते हुए करीब 10 हजार कंज्यूमर्स की टेबल रीडिंग कर दी है। जिसके कारण इन सभी का बिल गड़बड़ा गया है।

क्या होती है टेबल रीडिंग

सिटी में बिल रीडिंग का जिम्मा बिजली विभाग ने मेट्रो कंपनी को दे रखा है। इसके कर्मचारी कंज्यूमर्स के घर जाकर बिल रीडिंग देखकर बिल निकालते हैं। इस बार लापरवाही करते हुए कर्मचारियों ने 10 हजार से अधिक बिल कंज्यूमर्स के घर जाए बिना ही एक जगह बैठ कर बना दिए हैं, इसे ही टेबल रीडिंग कहते हैं।

हर जेई हो गया परेशान

जेई संघ के जिलाध्यक्ष प्रदीप दूबे का कहना है कि प्रत्येक जेई के पास डेली करीब 20 टेबल रीडिंग वाले बिल आ रहे हैं। जिन्हें सही करने में उनके पसीने छूट रहे हैं। कंज्यूमर्स गुस्सा होकर कई बार हंगामा भी कर देते हैं। गौरतलब है कि इस बार नये टैरिफ के कारण पहले ही बढ़ा हुआ बिल कंज्यूमर्स के पास पहुंचा है, ऊपर से टेबल रीडिंग बिल लोगों को और कंफ्यूज कर रहा है।

अगले माह भी परेशान करेगा यह बिल

टेबल बिलिंग के कारण जिनका बिल मानक से कम रीडिंग में फीड हुआ है, उनका बिल इस माह तो कंज्यूमर्स जमा कर देंगे, लेकिन अगले महीने उनका बिल रीडिंग डिफेक्टिव हो जाएगा। सिटी में करीब 5 हजार कंज्यूमर्स को ये समस्या झेलनी होगी।

टेबल रीडिंग की कंप्लेन लगातार आ रही है। कोशिशों के बाद भी इस पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। उच्चाधिकारियों से जांच की बात की गई है। मेट्रो कंपनी का कांट्रेक्ट अगले माह खत्म हो रहा है। नये टेंडर में इन गलतियों का ध्यान रखा जाएगा। जिन कंज्यूमर्स का टेबल बिल बना है, वा अपने एरिया के जेई से मिलकर रीडिंग सही करा सकते हैं।

एसपी पांडेय, एसई, महानगर विद्युत वितरण निगम