गोरखपुर (ब्यूरो)।कई डॉक्टर्स को दिखाने के बाद राहत नहीं मिली तो एम्स में आकर दिखाया। जांच के बाद डॉक्टर्स ने ऑपरेशन का फैसला लिया है। ऑपरेशन के बाद पेशेंट एकदम स्वस्थ्य है।
20 की उम्र, 15 साल से प्रॉब्लम
जिले के रहने वाले एक 20 वर्षीय का 15 वर्षों से मुंह नहीं खुल रहा था। इसकी वजह से नींद में थोड़ी-थोड़ी देर के लिए सांस रुक जाती थी। परिजन पांच वर्ष से काफी डॉक्टर्स को दिखाए, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। इस बीच एम्स के दंत रोग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर एवं मैक्सिलोफेशियल सर्जन डॉ। शैलेश कुमार को दिखाया। पशेंट की जांच और स्कैन के बाद ये पता चला कि पशेंट के खोपड़ी की हड्डी निचले जबड़े की हड्डी से पूरी तरह से जुड़ गई थी। इसकी वजह से पिछले 15 वर्षों से पेशेंट मुंह न खुलने की वजह से सिर्फ तरल खाने पर निर्भर था, जिसके कारण पेशेंट का स्वास्थ्य भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा था।
ऑपरेशन का फैसला
एम्स डायरेक्टर डॉ। सुरेखा किशोर को विभाग ने जानकारी दी। इस पर उन्होंने पेशेंट का ऑपरेशन करने का निर्देश दिया। डॉ। शैलेष ने बताया कि ऐसे पेशेंट्स को बेहोश करने की प्रक्रिया काफी कठिन होती है। लेकिन, एनेस्थीसिया की डॉ। अंकिता काबी, डॉ। प्रियंका एवं डॉ। विजिता ने पेशेंट को बेहोश करने में विशेष भूमिका निभाई। इसके बाद पांच घंटे तक सर्जरी चली। सर्जरी पूरी तरह से सफल रही। टीम में सीनियर रेजीडेंट डॉ। अनुराधा एवं एनेस्थीसिया विभाग के सीनियर रेजीडेंटों का भी विशेष योगदान रहा।