- गर्मी अधिक पड़ने और पानी की कमी से पशु हो सकते हैं बीमार
- पशुपालकों की सावधानी ही बचा सकता है जानवरों को
GORAKHPUR: गर्मी के मौसम की शुरुआत के साथ ही लोगों की परेशानी बढ़नी शुरू हो गई है। गर्मी की मार झेल रहे लोगों के साथ ही अब इसका असर पशुओं पर भी नजर आने लगा है। भीषण गर्मी और तेज धूप की वजह से पानी और चारे ने जानवरों को परेशान करना शुरू कर दिया था, वहीं अब पशुपालकों की थोड़ी सी लापरवाही उन्हें बीमारी गिफ्ट में दे दे रही है। आने वाले महीनों में तापमान और बढ़ेगा तो पशुओं के लिए मुसीबत भी बढ़ती जाएगी। अगर ऐसे मौसम में थोड़ा सा भी लापरवाही की गई, तो यह जानवरों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।
तो हो जाएगा डायरिया और लू
विशेषज्ञों के मुताबिक मनुष्यों की तरह पशुओं को भी तेज धूप का असर होता है। तापमान बढ़ने के कारण अनेकों बीमारियां उन्हें अपनी जद में ले लेती है। वही हाल पशुओं का भी होता है। अधिक तापमान बढ़ने से पशुओं को डायरिया, डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण), गैस , अपच व लू जैसे बीमारी हो सकती है। अगर मालिक इन बीमारी का समय से इलाज नहीं कराया तो जानवरों की जान तक जा सकती है।
गर्मी दिखाने लगी असर
गर्मी का असर स्वस्थ्य पशुओं पर अभी से दिखने लगा है। गर्मी सबसे अधिक दुधारू पशुओं पर असर डाल रही है। खोराबार में डेयरी संचालक रामकेशव यादव ने बताया कि जो गाय फरवरी में 12 लीटर एक समय दूध देती थी, लेकिन अप्रैल माह से 8 लीटर हो गया है। यही हाल सभी जानवरों को है। डेयरीफार्म में तो जानवरों की देखरेख की जाती है, लेकिन जो एक या दो गाय रखे हुए हैं, वह खुले में पेड़ के नीचे खुले में बांध देते हैं। इसके कारण इनको धूप तो नहीं लगती है, लेकिन गरम हवा के झोंके इन्हें जरूर को झेलने पड़ते हैं।
धूप लगने के लक्षण
अधिक गर्मी से पशु के शरीर का तापमान बढ़ जाता है, उससे पशुओं को पसीना आने लगाता है और हांफने लगते हैं। शरीर में पानी की कमी की दशा में डिहाइड्रेशन हो जाता है। डॉ। रूप कुमार बनर्जी का कहना है कि अगर जानवरों को डिहाइड्रेशन हो गया तो उनके इनके शरीर में सोडियम व पोटैशियम की कमी हो जाती है। जिसके कारण पशुओं की मौत भी हो सकती है। इसलिए उनकी खुराक में अगर पॉसिबल हो तो इन्हें जरूर शामिल करें।
ऐसे करें बचाव
- पशुओं के खाने-पीने की पर्याप्त व्यवस्था रखें
- पालतू जानवरों को नियमित स्नान कराएं
- अगर पशुओं के शरीर का अचानक तापमान बढ़ता है तो तत्काल डाक्टरी सलाह लें
- पशुबाड़ा हमेशा ठंडे स्थान पर बनाएं
- गर्मी व लू से बचाव के लिए दरवाजे पर टाट का पर्दा लगाएं
- गर्मी में पशुओं के पानी पीने की क्षमता बढ़ जाती है, उससे पूरा करें
- सुबह नौ बजे के बाद और शाम 4 बजे के पहले खुले स्थान पर पशुओं को न रखें
गाय में बाल होता है, जिसके कारण उन्हें धूप कम लगती है, लेकिन अपने रंग और बाल न होने के कारण भैंस को धूप अधिक लगती है। जिससे भैंस में दूध बनने की क्षमता आधी हो जाती है।
डॉ। बीके सिंह, पशु चिकित्सक