गोरखपुर (ब्यूरो)।यह ऑपरेशन डॉक्टर्स के लिए एक चैलेंज था, लेकिन इसे आसन करते हुए ऑपरेशन कर मरीज की जान बचाई है। ऑपरेशन के बाद अब मरीज पूरी तरह से स्वस्थ्य है।
पहले कराई एमआरआई
एक महिला पेशेंट लगातार दौरे पडऩे, सिरदर्द और उल्टी, बाई ओर की कमजोरी और संवेदी हानि की शिकायत के साथ न्यूरो सर्जन डॉ। राहुल गुप्ता की ओपीडी में पहुंची। डॉक्टर ने उसकी हालत देखकर एमआरआई करवाया। रिपोर्ट में ब्रेन के दाहिने फ्रंटो-पैरिएटल लोब में एक बड़ा ब्रेन ट्यूमर था, जो इसे संपीडि़त कर रहा था और ड्यूरामेटर को नष्ट कर दिया था। ब्रेन के जहाजों से चिपक गया था।
ड्यूराप्लास्टी भी की
मरीज की सर्जरी की योजना बनाई गई। क्रैनियोटॉमी की गई, पूरे ट्यूमर को हटा दिया गया। चूंकि ड्यूरामेटर नष्ट हो गया था, इसलिए ड्यूराप्लास्टी (नया ड्यूरामेटर बनाया गया) की गई। डॉ। राहुल ने बताया कि यह ट्यूमर संवहनी था और स्थिरता में दृढ़ था और इसे ड्यूरा से रक्त की सप्लाई मिल रही थी। जिसे जमाया गया था, पूरी तरह से हटाने के बाद इसे हिस्टोपैथोलॉजी के लिए भेजा गया है। सर्जरी के बाद मरीज स्थिर है। टीम में डॉ। सुहास कुमार मल्ल (एनेस्थेटिस्ट) शामिल थे। वर्षा और पवन की नर्सिंग ऑफिसर के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका थी, जिन्होंने सर्जरी की और सर्जरी में सहायता की।