- सिटी के सब स्टेशंस पर कभी भी हो सकता है हादसा

- झाडि़यों के कारण ही अक्सर यूनिवर्सिटी सब स्टेशन पर लगती है आग

GORAKHPUR : सिटी के सब स्टेशन खतरे में हैं। अफसरों को इन खतरों की जानकारी भी है, लेकिन कोई ठोस उपाय नहीं किए जा रहे। अफसरों की ये लापरवाही पब्लिक के साथ-साथ विभाग पर भी भारी पड़ने लगी है। जिले के सब स्टेशंस पर झाडि़यों ने कब्जा कर रखा है। गर्मी के सीजन में इन झाडि़यों में अक्सर आग लग जाती है जिसके बाद कई घंटे तक बिजली गुल हो जाती है। जून माह में यूनिवर्सिटी सब स्टेशन पर लगी आग में 12 लाख रुपए के केबल जल गए थे।

12 सब स्टेशन झाडि़यां में

शहर में बिजली सप्लाई करने के लिए कुल 17 सब स्टेशन बनाए गए हैं। इसमें टाउनहाल, राप्तीनगर, मेडिकल कॉलेज, सूरजकुंड और विकास नगर पांच ऐसे सब स्टेशन हैं जो मानक के अनुसार हैं। इन सब स्टेशन के अंदर घास तो उगी है, लेकिन झाडि़यां नहीं हैं। जबकि बाकी 12 सब स्टेशंस पर झाडि़यां उगी हुई हैं। जो अक्सर आग का कारण बनती हैं।

झाडि़यों से नुकसान

- अक्सर फॉल्ट होते हैं।

- ट्रांसफॉर्मर पर झाडि़यों के जाल के कारण चिंगारी निकलती है।

- जंफर से निकली चिंगारी नीचे तक आग में बदल जाती है।

- झाडि़यों के चक्कर में जानवर सब स्टेशन में घुस जाते हैं, जिसके कारण दुर्घटना हो जाती है।

आग गुल कराती है बिजली

लोकल फॉल्ट जिले में बिजली गुल होने की सबसे बड़ी वजह है। मोहल्लों में होने वाले लोकल फॉल्ट को एक या दो घंटे में कर्मचारी सही कर देते हैं, लेकिन इन कर्मचारियों की नाक के नीचे ही फॉल्ट होने पर कम से कम 8 घंटे के लिए बिजली गुल हो जाती है। यूनिवर्सिटी सब स्टेशन को झाडि़यों ने अपनी गिरफ्त में ले रखा है। जून माह में दो बार इन झाडि़यों में आग लग गई थी। जुलाई माह में इंडस्ट्रियल एरिया के सब स्टेशन पर झाडि़यों के कारण एक ही दिन में दो बार फॉल्ट हुआ था। तीन दिन पहले हुई बारिश में लालडिग्गी सब स्टेशन एक घंटे तक बंद रहा क्योंकि झाडि़यों के कारण जंफर उड़ गया था। बीते रविवार को शाहपुर सब स्टेशन भी इसीलिए बंद रहा क्योंकि झाडि़यों के बीच लगे ट्रांसफॉर्मर की बॉडी में करंट दौड़ने लगा था।

झाडियों की सफाई का निर्देश जारी किया जा रहा है। माह के अंत तक किसी भी हाल में सब स्टेशन पर उगी झाडि़यों की सफाई करा दी जाएगी। अगर इसके बाद सब स्टेशन पर झाडि़यों के कारण आग लगती है या शार्ट सर्किट होता है तो संबंधित जेई पर कार्रवाई की जाएगी।

आरआर सिंह, एसई, महानगर विद्युत वितरण निगम