- राष्ट्रप्रेम की काउंसिलिंग के लिए बजट मिलता तो नहीं होती जेएनयू जैसी घटनाएं, आईएसआईएस में भर्ती नहीं होते यहां के युवा
- अंतरराष्ट्रीय स्तर की उच्च शिक्षा व्यवस्था करने के लिए भी बजट का हो प्रावधान
द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र: 29 फरवरी को फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली आम बजट पेश करने वाले हैं। पूरे देश की निगाहें इसपर लगी हुई हैं। यह बजट देश का सर्वांगीण विकास तय करता है। इसलिए लोगों ने अभी से ही बजट को लेकरकयास लगाने शुरू कर दिए हैं। आई नेक्स्ट ने बजट सेशन को लेकर हायर एजुकेशन सेक्टर के स्टूडेंट्स का दिल टटोलने की कोशिश की, तो उन्होंने एफएम से लगाई उम्मीदें शेयर कीं। छात्र-छात्राओं और टीचर्स ने बेबाकी से अपनी राय रखी।
ताकि मिले गुणवत्तायुक्त शिक्षा
आम बजट को लेकर स्टूडेंट्स की यूं तो काफी ख्वाहिशें हैं, लेकिन उन्हें सबसे ज्यादा इंतजार हायर एजुकेशन पैकेज का है। स्टूडेंट्स का कहना है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश कि उच्चा शिक्षा को विशेष पैकेज मिलने चाहिए। जिससे देश के दूसरे शिक्षण संस्थानों की तरह यहां के स्टूडेंट्स को भी गुणवत्तायुक्त शिक्षा मिल सके। स्टूडेंट्स की मानें तो अभी यहां के लोगों को केवल पारंपरिक शिक्षा ही मिलती है। रोजगार परक कोर्सेज के लिए बड़ी संख्या में छात्र देश के दूसरे हिस्से में जाने को मजबूर हैं।
स्मार्ट सिटी से ज्यादा पहले स्मार्ट क्लास, लैब और लाइब्रेरी की जरूरत है। इस बजट में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए भी बजट होना चाहिए। अभी भी लैब्स और लाइब्रेरी के पास पर्याप्त धन न होने से उनकी हालत खराब है। इस बजट में शोध कार्यो को बढ़ाने के लिए फेलोशिप स्टार्ट करने की जरूरत है। ऐसा न होने की स्थिति में शोध कार्य में छात्रों के लाखों रुपए खर्च हो जाते हैं।
- सरिता यादव, स्टूडेंट
जेएनयू मामले और आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठनों को देखकर लगता है कि युवा रास्ता भटक गए हैं। इनको देख यह लगता है कि इनकी काउंसलिंग कर देश प्रेम की भावना डेवलप करने की जरूरत है। जिस तरह सरकार ने पिछले बजट में स्किल डेवलपमेंट के लिए बजट दिया, उसी तरह गलत रास्तों पर जा रहे युवाओं को देश सेवा के लिए काउंसिलिंग कराने के लिए बजट देना चाहिए।
- विजय कुमार, शोध छात्र
भारत की अर्थ व्यवस्था कृषि पर आधारित है। बजट में इसको एक कृषि विश्वविद्यालय मिलना चाहिए। इससे यहां कि कृषि को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। कृषि विश्वविद्यालय होने से यहां की इकोनॉमी में भी तेज बदलाव आएगा। ग्रामीण एरिया के कालेजेज में अभी भी अच्छी लैब नहीं हैं। इस ओर भी सरकार को सोचना चाहिए।
निधि यादव, स्टूडेंट
रुलर एरियाज के कालेजों में अच्छी लैब और लाइब्रेरी की जरूरत है। ग्रामीण कॉलेजों में काफी प्रतिभाएं मौजूद हैं हैं। लेकिन वहां अभी शैक्षिक संसाधनों का अभाव है। सेल्फ फाइनेंस और एडेड कॉलेज के लिए भी अलग से बजट होना चाहिए।
अश्वनी श्रीवास्तव, स्टूडेंट
बजट में प्रोफेशनल, व्यवसायिक शिक्षा और विश्वविद्यालयों तथा कॉलेजों में विभिन्न विषय क्षेत्रों में स्किल डेवलपमेंट के लिए बजट की आवश्यकता है। सबको नौकरी के साथ-साथ अच्छी सेलरी मिले, इसलिए उच्च शिक्षा को रोजगार परक बनाने के लिए एक निश्चित बजट देकर इस पर कार्य करने की जरूरत है।
संदीप दीक्षित, एचओडी, अर्थशास्त्र विभाग