गोरखपुर (ब्यूरो)। दोपहर करीब 3 बजे तक हालात बेकाबू रहे, जिससे दिनभर यूनिवर्सिटी में पठन पाठन प्रभावित रहा। गुस्साए स्टूडेंट्स ने यही नहीं रुके वीआईपी गेट पहुंच कर जमकर प्रदर्शन कर इस गेट की ताला तोड़कर अंदर एंट्री कर ली। एहतियातन पुलिस तैनात रही।
प्रभावित रहा पठन-पाठन
धरने की वजह से यूनिवर्सिटी के सभी विभागों में पठन-पाठन प्रभावित रहा। धरने पर बैठे छात्र सुबह 11 बजे से यूजी और पीजी के सभी विभागों में पहुंचकर छात्रों को धरने में शामिल होने के लिए प्रेरित करते रहे। धरने पर बैठे स्टूडेंट सबसे पहले आर्ट, साइंस और कॉमर्स डिपार्टमेंट पहुंचे। कुछ छात्रों ने विरोध सही बताया तो कुछ ने इसे गलत ठहराते हुए कहा इससे हम लोगों की क्लास प्रभावित हो रही है।
डीएसडब्ल्यू को सौंपा ज्ञापन
यूनिवर्सिटी के मेन गेट पर बैठे यूजी पीजी के स्टूडेंट्स ने डीएसडब्लू अजय सिंह को मांग पत्र सौंपकर धरना समाप्त कर दिया। यह स्टूडेंट्स मांग कर रहे थे कि निर्धारित एग्जाम की डेट आगे बढ़ाई जाय। सीबीसीएस रजिस्ट्रेशन फीस नि:शुल्क की जाय। इसके अलावा वे क्लास को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सात सूत्रीय मांग कर रहे थे। इन छात्रों ने कहा, अभी हम लोगों का सिलेबस काफी अधूरा है, ऐसे में एग्जाम की प्रिपरेशन कैसे होगी, यह बड़ा सवाल है।
एग्जाम के लिए सीएम से मिले प्री-पीएचडी स्टूडेंट्स
गोरखपुर यूनिवर्सिटी के प्री-पीएचडी के स्टूडेंट्स ने सोमवार को जनता दर्शन में सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। उन्हें बताया, वर्ष 2019-20 के प्री-पीएचडी स्टूडेंट्स का छह माह का सिलेबस तीन वर्ष में भी पूरा नहीं हो सका है। उन्होंने यह भी बताया कि कोरोना काल से गुजरने के बाद अब वीसी शोध अध्यादेश-2018 के मानक पर हमारे सिलेबस को गलत बताकर एग्जाम नहीं करा रहे हैं। इस कारण बहुत से शोधार्थियों की फेलोशिप छह महीने से रुकी हुई है। जुलाई में पंजीकृत स्टूडेंट्स का पंजीकरण निरस्त हो जाएगा। शोध अध्यादेश-2018 में कहीं भी सीबीसीएस का कोई उल्लेख नहीं है फिर भी वीसी सीबीसीएस प्रणाली थोप रहे हैं, जिसे 2021-22 सत्र से लागू होना चाहिए। अगर सीबीसीएस लागू होता है तो यह अध्यादेश-2018 का उल्लंघन होगा, जिससे पीएचडी की उपाधि पर प्रश्न उठ सकता है। इस पूरे संघर्ष के बीच कई अन्य एग्जाम भी प्रभावित हो रही हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने विद्यार्थियों के शिकायती पत्र का गंभीरता से अध्ययन किया और कमिश्नर रवि कुमार एनजी से कहा वीसी से बातचीत कर विद्यार्थियों की समस्या का समाधान अतिशीघ्र कराएं। प्री-पीएचडी स्टूडेंट बीते दस दिनों से अपनी मांगों को लेकर यूनिवर्सिटी गेट पर धरना दे रहे हैं। प्री पीएचडी के स्टूडेंट्स पहुंचे सीएम के जनता दरबार, आश्वासन
गोरखपुर यूनिवर्सिटी के प्री-पीएचडी के स्टूडेंट्स दस दिसंबर से यूनिवर्सिटी के मेन गेट पर धरने पर बैठे है। यह स्टूडेंट़़्स यूनिवर्सिटी की ओर जारी किया गया सीबीसीएस पैटर्न का विरोध कर रह है। सुनवाई नहीं होने पर सोमवार को इन स्टूडेंट्स में से एक दल ने सुबह नौ बजे सीएम के जनता दरबार पहुंच कर आपबीती बताया। स्टूडेंट कमलकांत राव ने बताया कि सीएम ने जल्द समस्याएं को दूर करने का आश्वासन दिया है। कहा कि उन्होंने डीएम विजय कुमार आनंद को निर्देश दिए है कि वह स्टूडेंट््स और वीसी के बीच संवाद कराकर समस्याओं को दूर किया जाय।
आर्ट और साइंस की क्लासें प्रभावित
स्टूडेंट सुबह से धरने की तैयारी में थे। इसलिए विभागों में जाकर क्लास बंद करवा दी। आट्र्स के स्टूडेंट ने बताया कि जब स्टूडेंट्स क्लास में पहुंचे तो हम लोगों की क्लास चल रही थी इन लोगों के हो-हल्ला की वजह से टीचर चले गए। सभी क्लास के बाहर आ गए। इससे क्लासें खाली हो गईं। सबकुछ शांत होने तक हम लोगों की क्लासें भी ओवर हो गईं। प्रदर्शन करने वालों में आर्ट, साइंस और कॉमर्स के सर्वाधिक स्टूडेंट शामिल थे।
वर्जन
हमारी एग्जाम डेट को आगे बढ़ाया जाए। क्योंकि अभी तक हम लोगों का सिलेबस भी इतना नहीं कम्प्लीट हुआ है कि हम लोग एग्जाम के लिए तैयारी कर पाएं।
प्रिंस गुप्ता, बीए लास्ट ईयर
रजिस्ट्रेशन फीस हम लोगों की वापस की जाए। इसके लिए हम लोगों ने पहले भी शिकायत की है, लेकिन अभी तक 150 रुपए चार्ज लिया जा रहा है।
सतीश, एलएलबी लास्ट ईयर
हम लोगों की क्लासें सुचारू रुप से नियमित संचालित की जाएं। विभागों में स्वच्छ पानी की सुविधा नहीं है। रजिस्ट्रेशन शुल्क माफ किया जाए।
शिवशंकर गौड़, छात्र नेता
गलतफहमी में बच्चों ने धरना दिया था। उनको समझाकर वापस भेज दिया गया। सीबीसीएस पैटर्न केवल नए छात्रों पर लागू है। रजिस्टे्रशन फीस 150 रुपए निर्धारित है।
विशेश्वर प्रसाद, रजिस्ट्रार गोरखपुर यूनिवर्सिटी