- केमिस्ट्री लैब से दूसरे दिन पकड़े गए 12 सांप
- सुबह से लेकर शाम तक जारी रहा सांप पकड़ने का सिलसिला
GORAKHPUR: डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी का केमिस्ट्री लैब में दूसरे दिन भी सांप निकलने का सिलसिला जारी रहा। सपेरों की मदद से लैब में छिपे 12 सांप बाहर निकाले गए। इसके लिए सपेरे सुबह से शाम तक लैब की खाक छानते रहे, जिसके बाद उन्हें कामयाबी मिल सकी। यूनिवर्सिटी से जुड़े लोगों की मानें तो हर महीने यूनिवर्सिटी साफ-सफाई पर हजारों रुपए खर्च कर देती है, लेकिन इसके बाद भी सांप निकलना बड़ी ही हैरत की बात है। वहीं इस मामले में जिम्मेदार कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं। सपेरों की मानें तो यह सारे सांप करैते प्रजाति के हैं। इनके काटने से इंसान की तुरंत मौत होती है। यह बेहद जहरीली होती है।
केमिस्ट्री लैब में सांप निकलने से यूनिवर्सिटी में दहशत
यूनिवर्सिटी कैंपस में पिछले दो दिनों से डेढ़ दर्जन सांप पकड़े गए। इतनी बड़ी तादाद में सांप निकलने से सिर्फ केमिस्ट्री ही नहीं बल्कि दूसरे डिपार्टमेंट के स्टूडेंट्स भी लैब में जाने से कतराने लगे हैं। स्टूडेंट्स की मानें तो जबसे वह प्रैक्टिकल कर रहे हैं, सिर्फ झाड़ू देते हुए ही देखा गया है, इसके अलावा उन्होंने कभी भी कबाड़ में रखे सामान को हटाकर सफाई होते नहीं देखी। स्टूडेंट्स का कहना है कि जिस तरह केमिस्ट्री लैब में सांप निकला है, उसी तरह उनके डिपार्टमेंट में भी सांप निकल सकता है। सांपों की दहशत का आलम यह है कि स्टूडेंट्स के साथ-साथ टीचर्स भी लैब में जाने से डर रहे हैं। केमेस्ट्री डिपार्टमेंट के टीचर प्रो। ओपी पांडेय बताते हैं कि पिछले कई वर्षो से केमिस्ट्री लैब की सफाई ही नहीं हुई, जिसके चलते यह जहरीले सांप निकल रहे हैं.उन्होंने बताया कि सफाई के लिए हर महीने 3.90 लाख रुपए का बजट निर्धारित है, लेकिन सफाई के नाम पर कुछ भी नहीं है।
छोटू और नागराज सांप पकड़ने में जुटे
लैब से सांप को बाहर निकालने के लिए यूनिवर्सिटी को सपेरों की मदद लेनी पड़ी। शुक्रवार सुबह 11 बजे से ही केमिस्ट्री लैब में बेलीपार से आए दो सपेरे छोटू और बड़े नागराज देर शाम तक सांपों को ढूंढते रहे। सपोरों की मानें तो अभी तक जितने भी सांप निकले हैं, वह बच्चे हैं। जो साइज में दो से तीन फिट के हैं। आई नेक्स्ट ने सफाई व्यवस्था को लेकर यूनिवर्सिटी के विभिन्न विभागों का जायजा लिया, तो हर तरफ बड़ी-बड़ी झाडि़यां नजर आई, जिसकी महीनों से कटाई ही नहीं हुई है। सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है। सफाई कर्मी भी नदारद नजर आए। कैंपस में सफाई के लिए प्राइवेट एजेंसी को सफाई व्यवस्था का जिम्मा सौंपा गया है।
इन डिपार्टमेंट के स्टूडेंट्स में भी दहशत -
- फिजिक्स डिपार्टमेंट के लैब
- संवाद भवन
- मनोविज्ञान विज्ञान विभाग
- भूगोल विभाग
- हिंदी विभाग
- राजनीति शास्त्र विभाग
- जूलॉजी लैब
- बॉटनी लैब
लाइब्रेरी में प्रैक्टिकल के दौरान अक्सर डर बना रहता था। कई बार सांप देखा भी गया था, लेकिन अचानक से सांप के बच्चे निकलने के बाद से प्रैक्टिकल के लिए अब तो जाना बहुत मुश्किल है। सफाई व्यवस्था तो पूरी तरह से ध्वस्त है।
आस्था मिश्रा, स्टूडेंट
केमिस्ट्री लैब में कभी सफाई नहीं होती। यही वजह है इतने सांप निकल रहे हैं। यूनिवर्सिटी प्रशासन को सफाई के लिए प्रति गंभीर होना चाहिए।
दीपिका सिंह, स्टूडेंट
दो दिनों में कुल 16 से ज्यादा सांप निकल चुके हैं। अभी आगे न जाने कितने और सांप निकलेंगे। यूनिवर्सिटी की लापरवाही से इतने भारी मात्रा में सांप निकल रहे हैं।
रामू प्रसाद, स्टूडेंट
सफाई के नाम पर सिर्फ कोरम पूरा किया जाता है। यूनिवर्सिटी के लैब ही नहीं, बल्कि हर जगह बड़ी-बड़ी झाडि़यां हैं। जिसकी कभी कटाई ही नहीं हुई है। जो सांप निकले हैं, वह इन्हीं झाडि़यों में छिपे रहते हैं।
मणि भूषण, स्टूडेंट
केमिस्ट्री लैब की सफाई शुरु करा दी गई है। इसके अलावा कैंपस के अंदर साफ-सफाई के लिए भी निर्देश दिया जा चुका है।
- प्रो। अशोक कुमार, वीसी, डीडीयूजीयू