- डीडीयूजीयू से एफिलिएटेड 33 कॉलेजों की संबद्धता का मामला अटका, 6 हजार स्टूडेंट्स का फ्यूचर अधर में

- कार्यपरिषद की बैठक में इन कॉलेजों की संबद्धता पर किया जाएगा विचार-विमर्श

GORAKHPUR: डीडीडयूजीयू से संबद्ध करीब 33 कॉलेजों की संबद्धता फंस गई है। जिसके कारण बीए, बीएससी के करीब छह हजार स्टूडेंट्स का एक साल खराब होना तय है। संबद्धता को लेकर फंसे कॉलेज प्रशासन को न तो कोर्ट और न ही शासन से किसी तरह की राहत मिली है। थक हारकर प्रबंधक यूनिवर्सिटी के चक्कर लगा रहे हैं। इस मामले में प्रभारी वीसी ने स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि जब तक कार्यपरिषद की बैठक नहीं हो जाती, तब तक कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता है।

33 कॉलेज का है मामला

कोई कोर्स संचालित करने के लिए यूनिवर्सिटी से संबद्धता लेनी होती है। इसके लिए शासन की तरफ से तिथि निर्धारित की जाती है। लेकिन डीडीयूजीयू से संबद्ध करीब 33 कालेजों ने निर्धारित तिथि 15 अप्रैल तक अपनी पैनल निरीक्षण रिपोर्ट नहीं जमा की। इसके चलते यूनिवर्सिटी से उन्हें सबंद्धता नहीं मिल सकी। जिसकी वजह से बीए, बीएससी की पढ़ाई करने वाले करीब 6 हजार स्टूडेंट्स का एक साल बरबाद होने के कगार पर पहुंच गया है।

कार्यपरिषद पर स्टूडेंट्स की निगाहें

इस मामले में यूनिवर्सिटी प्रशासन की तरफ से साफ स्पष्ट कर दिया गया है कि कार्यपरिषद की बैठक में ही जो कुछ होगा। उसी में तय किया जाएगा। लेकिन यूनिवर्सिटी से जुड़े सूत्रों की मानें तो कार्यपरिषद से भी राहत मिलने की संभावना बहुत कम है, क्योंकि कुछ कॉलेजों को याचिका पर हाईकोर्ट ने भी अगले सत्र से विचार करने का निर्देश दिया है। जिसके कारण कॉलेज के सामने मुश्किलें और बढ़ गई हैं। एक तरफ संबद्धता फंसने के लिए कॉलेज प्रशासन यूनिवर्सिटी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। वहीं यूनिवर्सिटी कॉलेज को दोषी बता रहा है।

एक दूसरे पर लगा रहे आरोप

यूनिवर्सिटी का तर्क है कि शासन की तरफ से निर्धारित तारीख के पहले निरीक्षण रिपोर्ट जमा करने वाले कालेज ही संबद्धता समिति विचार करती है। जिस कालेजों ने समय से रिपोर्ट नहीं जमा की, उनकी संबद्धता पर विचार नहीं किया सकता। जबकि प्रबंधकों का कहना है कि निरीक्षण की तारीख के लिए ही उन्हें इतना दौड़ाया गया कि समय से प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। जिनकी संबद्धता फंसी हैं। उनमें करीब दो दर्जन कॉलेज नए हैं। जिन्हें अस्थाई संबद्धता दी जानी थी।

क्यों लिए गए एडमिशन?

यूनिवर्सिटी से जुड़े सोर्सेज की मानें तो इनमें से कई कॉलेजों ने संबद्धता मिले बगैर ही प्रवेश ले लिए। अब स्टूडेंट्स के सवालों का जवाब देने में उन्हें प्रॉब्लम हो रही है। आधा दर्जन ऐसे कॉलेज हैं, जिनकी इस साल स्थाई संबद्धता होने वाली थी। इनमें यूजी की 420 सीटें हैं। अस्थाई संबद्धता चाहने वाले कुशीनगर, लार और बिस्टौली के कॉलेज के आवेदनों पर शासन ने वीसी को डिसीजन लेने के लिए कहा है।

संबद्धता को लेकर हाल ही में मीटिंग हुई थी। चूंकि मामला गंभीर है। इसलिए इस मामले में कार्यपरिषद ही कुछ निर्णय लेगी।

- प्रो। राजेंद्र प्रसाद, प्रभारी वीसी, डीडीयूजीयू