- महाराणा प्रताप पीजी कॉलेज जंगल धूसड़ का समावर्तन संस्कार
- सर्वोच्च अंक पाने वाले स्टूडेंट्स को चीफ गेस्ट ने किया सम्मानित
GORAKHPUR: भारत की स्थिति चिंताजनक नहीं अपितु भयावह होती जा रही है। भारत के समक्ष कड़ी चुनौतियों से आदर्श, आक्रामक और अपनी संस्कृति के प्रति जागरुक युवा ही निपट सकता है। यह बातें महाराणा प्रताप पीजी कॉलेज जंगल धूसड़ के समावर्तन संस्कार समारोह में चीफ गेस्ट बीएचयू के वीसी प्रो। गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने कही। उन्होंने कहा कि देश की सांस्कृतिक रीढ़ को तोड़े बिना भारत की शिक्षा पद्धति का तंत्र खड़ा करना अपरिहार्य है।
क्रांति की आहट है खामोशी
प्रोग्राम की अध्यक्षता करते हुए सदर सांसद व गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिक्षण संस्थाओं ने आज सत्य बोलने और सत्य सुनने की क्षमताओं का ह्रास किया है। शिक्षण संस्थाओं से योग्य और संस्थापित युवा पीढ़ी निकलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में वर्तमान समय में जनता की खामोशी किसी बड़े क्रांति की आहट है। प्रोग्राम के स्पेशल गेस्ट के तौर पर अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ। बाल मुकुंद पांडेय ने अपनी बातें रखीं। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। प्रदीप राव ने प्रस्ताविकी रखी। पूर्व कुलपति प्रो। यूपी सिंह ने स्टूडेंट्स को दीक्षांत उपदेश दिलवाया। प्रोग्राम की शुरुआत सरस्वती वंदना और समापन राष्ट्रगीत वंदे मातरम् से हुआ। प्रोग्राम में सर्वोच्च अंक पाने वाले स्टूडेंट्स को चीफ गेस्ट ने मेडल व प्रमाण पत्र दिया।