- कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट में एमए स्टूडेंट्स ने किया हंगामा
- चालान रसीद में निकली गड़बड़ी, भड़के स्टूडेंट्स
GORAKHPUR : डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी की फीस जमा करने को लेकर मंगलवार को साइंस डिपार्टमेंट में खूब हंगामा हुआ। फीस चालान में अशुद्घियों की शिकायत करने पहुंचे स्टूडेंट्स में से एक का चालान टीचर ने फाड़ दिया। जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। स्टूडेंट्स ने कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट हेड को घेर लिया। हेड ने बैंक मैनेजर को फोन कर आश्वस्त किया कि जल्द ही चालान की गलतियां सुधार ली जाएंगी।
क्यों हुआ हंगामा
एमए स्टूडेंट्स इन दिनों अपनी फीस जमा कराने इलाहाबाद बैंक की विश्वविद्यालय शाखा में जुटते हैं। इनमें से कई स्टूडेंट्स के फीस चालान में गलतियां हैं। किसी की जाति गलत है तो किसी के पिता का नाम बदल दिया गया है। इस वजह से स्टूडेंट्स को बैंक के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। गलतियां देख बैंक ने चालान शुल्क जमा करने से मना कर दिया। इसी को लेकर एमए पालिटिकल और एजुकेशन के स्टूडेंट्स कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट पहुंचे थे।
मेरी गलती-तेरी गलती
स्टूडेंट्स का आरोप है कि चालान रसीद में जो गलतियां हैं, वो ईडीपी सेल और कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट की लापरवाही का नतीजा है। जिन स्टूडेंट्स के चालान रसीद में गड़बडि़यां हैं, उन्हें करेक्शन का मौका भी नहीं दिया जा रहा है। ऐसी समस्या से करीब 400 से ज्यादा स्टूडेंट्स के चालान में है। ईडीपी सेल के प्रभारी प्रो। अजेय गुप्ता का कहना है कि चालान रसीद में जो भी त्रुटियां हैं, इसके लिए कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट जिम्मेदार है। कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट के हेड डॉ। एसएन पांडेय बताते हैं कि तमाम दिक्कतें आ रही हैं जिसकी शिकायत यूनिवर्सिटी प्रशासन से की जा चुकी है। मैं तो कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट के हेड पद से इस्तीफे की पेशकश भी कर चुका हूं, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है।
मैं एमए एजुकेशन थर्ड सेमेस्टर की छात्रा हूं। मैं ओबीसी कैटेगरी की हूं, लेकिन चालान रसीद पर एससी कैटेगरी आ गया है। ओबीसी की फीस 2716 रुपए है जबकि एससी कैटेगरी की फीस 173 रुपए। इस वजह से फीस जमा नहीं हो पा रही। कई चक्कर लगा चुके हैं, पर सॉल्यूशन नहीं मिला।
अंजना विश्वकर्मा, स्टूडेंट
मैं एमए पालिटिकल साइंस थर्ड सेमेस्टर की छात्रा हूं। मुझे ओबीसी की रसीद दी गई है। जबकि मैं एससी कैटेगरी की हूं। यह खेल इडीपी सेल की तरफ से किया गया है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।
प्रीति मद्धेशिया, स्टूडेंट
जो भी समस्याएं आ रही हैं, उसके समाधान के लिए संबंधित डिपार्टमेंट के जिम्मेदार से बात की जाएगी।
प्रो। अशोक कुमार, वीसी, डीडीयूजीयू