-घर की दहलीज लांघ, महिला थाना पहुंच रहे मामले
-पंचायत में छूट जाता पसीना, रिश्ते बचाने की जद्दोजहद
द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र: पत्नी के सजने-संवरने पर पति को दि1कत। दिन5ार फेसबुक पर पति के रहने पर पत्नी को दि1कत। सास के रोज-रोज बहू की मां को बुरा भला कहनाऐसे ही छोटे-छोटे विवाद गोर2ापुर में घरों को उजाड़ने की वजह बन रहे हैं। यह छोटी-छोटी बातें पहले घर में ही हल हो जाती थी, लेकिन अब ऐसे मामले थाने और कोर्ट तक पहुंच रहे हैं। ऐसी ही शिकायतों से आजकल गोर2ापुर का महिला थाना परेशान हैं। और इस तरह के अधिकतर मामले हाई प्रोफाइल और उच्च शिक्षित परिवारों में ज्यादा दे2ाने को मिली रही है। महिला थाना प्र5ारी का कहना है कि सामान्य के बजाय वेल 1वालीफाइड फैमिली में ऐसे मामले बढ़ते जा रहे हैं। दोनों पक्षों के बीच सामांजस्य बिठाने में पसीना छूट जाता है। 1योंकि हर किसी का इगो सैटिफाइड करना काफी मुश्किल है।
रोजाना चार से पांच शिकायतें
महिला थाना पर उत्पीड़न से संबंधित रोजाना चार से पांच शिकायतें पहुंचती हैं। इनमें ज्यादातर ऐसे परिवार हैं जिनमें दंपति पोस्ट ग्रेजुएट से ऊपर की डिग्री प्राप्त है। उनके परिवार के सदस्य 5ाी अच्छी जगहों पर सेटेल्ड हैं। पढ़े लि2ो दंपति के बीच 5ाी किसी न किसी छोटी बात को लेकर कलह चल रही है। बात बिगड़ने पर दोनों पक्ष महिला थाना पहुंच जा रहे हैं। महिला थानेदार का कहना है कि हर माह सौ से सवा सौ मामले आ जाते हैं। इन स5ाी मामलों में करीब 70 फीसदी केसेज हाईली एजुकेटेड लोगों से जुड़े होते हैं।
इन वजहों से बढ़ रहे मामले
-दंपति के बीच एक दूसरे का इगो सैटिफाइड न होना।
-परिवारों में दहेज की मांग, दूसरे तुलना 5ाी कलह बढ़ा रही है।
-दंपति के बीच किसी तीसरे का हस्तक्षेप 5ाी रिश्ते तोड़ रहा है।
-पारिवारिक समस्याएं, सामाजिक तनाव 5ाी रिश्ते का तानाबाना तोड़ा रहा।
-दंपति और परिवार के बीच इनकम को लेकर तालमेल नहीं बैठ पाता है।
-सोशल मीडिया की व्यस्तता 5ाी रिश्तों में दीवार बनकर उ5ार रही है।
-महिलाओं के अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना
-दंपति के बीच अवैध संबंधों को एक दूसरे पर संदेह
इस तरह से सामने आए मामले
नवंबर - 98
अ1टूबर - 87
सितंबर - 92
अगस्त - 74
जुलाई - 81
ऐसी हैं शिकायतें
दहेज उत्पीड़न
घरेलू हिंसा
पारिवारिक कलह
यौन उत्पीड़न
वर्जन
मैंने करीब आठ साल तक महिला थाना पर काउंसलर के रूप में काम किया है। ज्यादा पढ़े लि2ो परिवारों में 5ाी मामूली बातों को लेकर कलह के सैकड़ों मामले सामने आए थे। अब इनकी तादाद बढ़ती जा रही है। इगो टकराने से यह नौबत बनी हुई है।
डॉ। संदीप श्रीवास्तव, पूर्व काउंसलर महिला थाना
शहर के कई ऐसे परिवारों के मामले सामने आए हैं। जिनके पास कोई कमी है। दंपति आलीशान तरीके से एक दूसरे की जरूरतें पूरी कर सकते हैं। लेकिन उनकी लग्जरी लाइफ में किसी न किसी मामूली बात को लेकर 2ाटास आ जा रही है। इनकी अपेक्षा सामान्य परिवारों में ऐसे मामले कम ही सामने आते हैं।
अंगद सिंह, काउंसलर महिला थाना
महिला थाना में आने वाली घरेलू कलह की सौ शिकायतों में तकरीबन 80 फीसदी हाईली एजुकेटेड परिवारों की होती है। उनके बीच काउंसिलिंग कराने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। ऐसे मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। यह निश्चित रूप से चिंतन का विषय है।
डॉ। शालिनी सिंह, एसओ, महिला थाना