- यूनिवर्सिटी के विवेकानंद हॉस्टल में ज्यूडिशियल सर्विसेज के एस्पीरेंट्स ने बैठक कर जताया विरोध
GORAKHPUR : कॉम्प्टीटिव एग्जाम में इंग्लिश का कंपल्शन स्टूडेंट्स के गले नहीं उतर रहा है। इसका हर जगह विरोध शुरू हो चुका है। सिविल सर्विसेज के एग्जाम के बाद अब ज्यूडिशियल सर्विसेज में पार्ट लेने वाले स्टूडेंट्स ने भी इंग्लिश के खिलाफ झंडा बुलंद करने की तैयारी शुरू कर दी है। इस सीरीज में गोरखपुर यूनिवर्सिटी से संबद्ध सभी स्टूडेंट्स जो ज्यूडिशियल सर्विसेज में अपनी लक आजमाना चाहते हैं, उन्होंने स्वामी विवेकानंद हॉस्टल में एक बैठक की, जिसमें इंग्लिश को हटाने के लिए सभी ने एक सुर में विरोध किया।
ख्00 नंबर का इंग्लिश पेपर खत्म हो
बैठक के दौरान यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड ज्यूडिशियल सर्विसेज के सभी एस्पिरेंट्स इकट्ठा हुए। उन्होंने डिमांड की है कि उत्तर प्रदेश ज्यूडिशियल सर्विस एग्जाम में जो ख्00 नंबर का इंग्लिश का पेपर है, उसे हटाया जाए। इसके साथ ही स्टूडेंट्स को इसमें शामिल होने के लिए जो लिमिटेड चांस दिया जाता है, उसकी बाध्यता भी खत्म की जाए। उन्होंने कहा कि यह इंग्लिश का पेपर हिंदी भाषीय स्टूडेंट्स के फ्यूचर के साथ एक मजाक है। इस दौरान रीतेश तिवारी, अरविंद पांडेय, विपिन शुक्ला, देवार्थ शंकर मिश्रा, अभय मल्ल, भजन गुप्ता, चंद्रभूषण तिवारी, चेतु यादव के साथ बड़ी तादाद में एस्पीरेंट्स मौजूद थे।