- गोरखनाथ में टीचर की हत्या का खुलासा
- सिद्धि विनायक हॉस्टल में टीचर के कमरे के बगल में रहता था छात्र
- हत्या के बाद पुलिस को खुद ही दी थी सूचना
GORAKHPUR: गरीब परिवार ने जिस बच्चे में अपने सपनों का भविष्य देखा था, महज एक शौक पूरा करने के लिए वह हत्यारा बन गया। यह खुलासा हुआ है सिद्धि विनायक हॉस्टल में मारे गए रिटायर्ड टीचर त्रिपुरारी दुबे के मामले में। गौरतलब है कि गोरखनाथ के हुमायूंपुर उत्तरी स्थित सिद्धि विनायक हॉस्टल में 21 मार्च को टीचर त्रिपुरारी दुबे की डेड बॉडी मिली थी। इस मामले में पुलिस ने बुधवार को हॉस्टल में रहने वाले एक युवक को गिरफ्तार कर पूरे प्रकरण का खुलासा किया। पुलिस की पूछताछ में छात्र ने अपना गुनाह कबूल कर लिया।
बाइक के लिए दोस्त से ली थी रकम
बुधवार को पुलिस ने सिद्धि विनायक हॉस्टल से हत्यारोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की पूछताछ में उसने अपना नाम उत्कर्ष मिश्रा निवासी महावनखोर थाना कैम्पियरगंज बताया। छात्र ने गुनाह कबूल करते हुए स्वीकार किया कि अपने दोस्त सूरज गुप्ता से अपाचे मोटर साइकिल खरीदने के लिए 25 हजार रुपए उधार लिए थे। उसने बाइक के लिए 32 हजार रुपये का सौदा तय किया था। इसमें आठ हजार रुपये कम पड़ रहे थे। उधर कुछ दिन बाद सूरज अपने पैसे की डिमांड करने लगा। मगर उत्कर्ष के पास पैसा न होने से वह उधार नहीं चुका पा रहा था।
लालच में दिया वारदात को अंजाम
सिद्धि विनायक हॉस्टल में रहने वाले त्रिपुरारी दुबे ट्यूशन पढ़ाकर परिवार के पैसे जमा किए थे। ये पैसे लेकर वह होली में घर जाने की तैयारी कर रहे थे। यह बात उत्कर्ष को पता थी। उत्कर्ष की नजर उनके पैसों पर थी। रात में उत्कर्ष उनके कमरे में पहुंच गया। उस समय त्रिपुरारी अपने बेड पर सो रहे थे। इसी दौरान तकिए से उनका मुंह दबा दिया। वह छटपटाते हुए बेड से नीचे गिर गए थे। इसके बाद छात्र ने मच्छरदानी की रस्सी से उनका गला दबाकर मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद छात्र ने उनकी पैंट की जेब से आठ हजार रुपये निकाले और चल दिया।
खुद ही दी थी हत्या की सूचना
शातिर छात्र उत्कर्ष ने टीचर की हत्या करने के बाद खुद ही 100 नंबर पर कमरे में डेड बॉडी मिलने की जानकारी दी थी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने बॉडी को कब्जे ले लिया था। उधर मामले के खुलासे के लिए एसएसपी अनंत देव ने पुलिस की एक स्पेशल टीम गठित कर दी। टीम हत्यारोपी की तलाश में खाक छान रही थी। बुधवार की सुबह छात्र उत्कर्ष को गिरफ्तार कर एक बड़ी कामयाबी हासिल की। पुलिस ने उसके पास से हत्या में प्रयुक्त तकिया बरामद किया है।
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थोड़े से लालच में तोड़ दिए सपने
घर का बड़ा बेटा उत्कर्ष पढ़ाई में तेज रहा। उधर पिता सुनील कुमार मिश्र खेतीबाड़ी कर अपने बेटे को गोरखपुर पढ़ाई के लिए भेजे। साथ में छोटा बेटा भी बीएससी कर रहा है। दोनों हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहे थे। उत्कर्ष बीएससी की पढ़ाई पूरी करने के बाद एक प्राइवेट कोचिंग सेंटर में एसएससी की तैयारी करने लगा। आमदनी कम होने के बावजूद भी पिता हर माह खर्च के लिए पैसे भेज रहे थे कि बेटा कुछ लायक बन जाए, जिससे घर परिवार की माली हालत सुधर जाए। लेकिन उसने एक ही झटके में पूरे परिवार के सपने को तार-तार कर दिया।
गिरफ्तारी में शामिल टीम
हत्यारोपी को गिरफ्तार करने वाली टीम में गोरखनाथ एसओ सदानंद सिंह, उप निरीक्षक प्रमोद कुमार सिंह, कांस्टेबल प्रदीप कुमार, योगेश सिंह शामिल थे। पुलिस की इस कामयाबी से खुश होकर एसएसपी अनंत देव ने अफसर और पुलिसकर्मियों को पांच हजार रुपए से पुरस्कृत किया।
वर्जन
छात्र बीएससी की तैयारी कर रहा था। आठ हजार रुपये की लालच में आकर उनकी हत्या कर दी। इस मामले में पुलिस के अथक प्रयास से हत्याभियुक्त को पकड़ा गया।
-हेमराज मीणा, एसपी सिटी