- डीडीयूजीयू छात्र संघ चुनाव लड़ने वाले स्टूडेंट्स ने सोशल मीडिया का लिया सहारा
- छात्रसंघ आचार संहिता में नहीं है सोशल मीडिया का जिक्र, इसलिए उल्लंघन का भी कोई डर नहीं
GORAKHPUR: छात्र संघ चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू हो गया है। ऐसे में छात्र नेताओं के बिना कैम्पस व क्लास में बगैर अनुमति प्रवेश पर रोक है। वहां आचार संहिता के कई कायदे हैं, जिसका डर छात्र नेताओं को हो सकता है लेकिन सोशल मीडिया पर वे किसी भी तरीके से प्रचार करने के लिए स्वतंत्र हैं। छात्र संघ चुनाव के आचार संहिता में सोशल मीडिया का जिक्र नहीं होने के कारण छात्र नेताओं को उल्लंघन का कोई डर नहीं है तो यूनिवर्सिटी प्रशासन भी कोई कार्रवाई नहीं कर पाने के लिए बाध्य है। इसका लाभ छात्र नेता खूब उठा रहे हैं। हर तरह की सभा, बैठक, गतिविधि की फोटो सोशल मीडिया के माध्यम से स्टूडेंट्स तक पहुंचाई जा रही है और उनसे वोट की अपील की जा रही है।
बने कई व्हाट्सएप ग्रुप
छात्रसंघ चुनाव प्रचार के लिए चुनाव लड़ने वाले स्टूडेंट्स लीडर ने अपने-अपने व्हाट्सएप ग्रुप बना लिए हैं, जिससे वे स्टूडेंट्स को जोड़ रहे हैं। इन ग्रुप पर वे वोट की अपील कर रहे हैं तो अपनी विभिन्न गतिविधि की तस्वीरें भी अपलोड कर रहे हैं। आलम यह है कि स्टूडेंट्स लीडर ग्रुप के जरिए एक साथ 250 स्टूडेंट्स को संबोधित कर रहे हैं। वहीं फेसबुक, ट्विटर के माध्यम से भी स्टूडेंट्स को लुभाया जा रहा है।
वर्जन
छात्रसंघ चुनाव आचार संहिता संविधान निर्माण के दौरान सोशल मीडिया का उतना क्रेज नहीं था। इसलिए आचार संहिता के नियमों में सोशल मीडिया का जिक्र नहीं किया गया लेकिन अब इसकी जरूरत है। इसके लिए संविधान में परिवर्तन करने की जरूरत है। परिवर्तन होने के बाद ही सोशल मीडिया पर प्रचार करने वाले नेता जी पर कार्रवाई हो सकेगी।
- प्रो। संजय बैजल, छात्र संघ चुनाव अधिकारी