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- नशे में ड्राइविंग करने वालों पर यूपी रोडवेज के एमडी हुए सख्त

- बोले, नशे के चलते एक भी हादसा हुआ तो नपेंगे आरएम व आरटीओ

- सभी बसों में सेंसर लगाने का निर्देश, ड्राइवर के नशे में होने पर डिपो में बजेगा अलार्म

GORAKHPUR: रोडवेज की बसों से आए दिन हादसे होते हैं और इसकी एक वजह ड्राइवर का नशे में होना भी होता है। इसे देखते हुए यूपी रोडवेज के एमडी ने सभी आरएम और आरटीओ को नोटिस जारी किया है कि वे इस पर रोक लगाएं। रोडवेज के नए एमडी के रविंद्रनायक ने सख्त रूख अपनाते हुए कहा है कि अब हादसे की वजह यदि ड्राइवर का नशे में हुआ होना पाया गया तो सीधे आरएम व आरटीओ जिम्मेदार होंगे। इसके साथ ही उन्होंने बसों में सेंस लगाने का भी निर्देश दिया है जिससे ड्राइवर के नशे में होने पर डिपो में अलार्म बजने लगेगा।

ताकि रुके हादसे

नशे के चलते होने वाले हादसों पर चिंता जाहिर करते हुए एमडी ने कई उपाय करने के निर्देश दिए हैं। निर्देश के साथ ही नए साल में सभी बसों में खास सेंसर लगाने की तैयारी शुरू हो गई है। इस सेंसर की खास बात होगी कि यदि ड्राइविंग सीट पर बैठने वाला शराब पीया होगा तो फौरन ही स्थानीय डिपो के कंट्रोल रूम में अलार्म बजने लगेगा। यह सेंसर सीट के पास ही लगाया जाएगा। इसके साथ ही जीपीएस युक्त इलेक्ट्रॉनिक टिकट मशीन और पहियों में व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगाने की कोशिशें भी तेज होंगी। मार्च 2017 तक सभी बसों में सेंसर लगा दिए जाएंगे।

बताइए कितनों पर की कार्रवाई

एमडी ने नशे में ड्राइविंग करने वालों के खिलाफ हुई कार्रवाई की रिपोर्ट भी तलब की है। सभी आरएम व आरटीओ से रिपोर्ट मांगी गई है कि उनके द्वारा बसों की कब-कब चेकिंग कराई गई और कितने ड्राइवर शराब के नशे में मिले। यह भी पूछा गया है कि उन पर क्या कार्रवाई की गई। एमडी के इस लेटर के बाद महकमे में हड़कंप मचा हुआ है क्योंकि अभी बीते सोमवार को पद संभालने के साथ ही एमडी ने पैसेंजर्स सुविधाओं में बरती जाने वाली लापरवाही को लेकर मेरठ व अलीगढ़ के आरएम को सस्पेंड भी कर दिया था।

वर्जन

सफर के दौरान सुविधाएं मिलने के साथ ही सुरक्षा का अहसास होना जरूरी है। सभी आरएम व आरटीओ को निर्देश दिया गया है कि नशे में ड्राइविंग पर रोक लगाएं। ऐसा होने पर अब अधिकारी खुद जिम्मेदार होंगे।

- के रविंद्रनायक, एमडी, रोडवेज

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आई नेक्स्ट ने उठाई थी समस्या

शराब के नशे में बसों को चलाए जाने की समस्या को आई नेक्स्ट ने प्रमुखता से उठाई थी। इसके बाद महकमे में हड़कंप मच गया। रोडवेज के स्थानीय अधिकारियों ने भी माना कि अधिकतर ड्राइवर्स नशे में बस चलाते हैं। इससे हादसे होते हैं और यात्री खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं।