गोरखपुर (ब्यूरो)। एनईआर के प्रपोजल पर बोर्ड ने एक्सप्रेस वे की तरफ स्टील की सेफ्टी फेंसिंग लगाने की संस्तुति प्रदान करने के साथ बजट भी अवमुक्त कर दिया है। लखनऊ मंडल प्रशासन ने निर्माण काम शुरू करने के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
प्रभावित हो रहा संचालन
वंदे भारत की 160 स्पीड होने के बाद भी गोरखपुर-लखनऊ रेलमार्ग पर 110 किमी की रफ्तार से ही चल रही है। इसके बाद भी ट्रेन का संचालन प्रभावित हो जा रहा। आए दिन पशुओं के कटने (सीआरओ) व मानव दुर्घटनाएं (एमआरओ) के चलते ट्रेनों का संचालन प्रभावित होता रहता है। रेल लाइनों के किनारे सेफ्टी फेंसिंग लग जाने से मानव और पशुओं की आवाजाही पर पूरी तरह रोक लग जाएगी। रेलवे की भूमि पर अनावश्यक अतिक्रमण पर भी लगाम लगेगी। वंदे भारत सहित अन्य सभी प्रमुख ट्रेनें अधिकतम 130 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चलने लगेंगी।
तैयार हो रहा हाईस्पीड ट्रैक
जानकारों के अनुसार गोरखपुर-लखनऊ रेलमार्ग को 160 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चलने वाली ट्रेनों के लायक तैयार किया जा रहा है। आने वाले दिनों में गोरखपुर-लखनऊ रेलमार्ग पर हाईस्पीड की ट्रेनें ही संचालित होंगी। ऐसे में निर्बाध ट्रेन संचालन को लेकर रेलवे प्रशासन ने सेफ्टी फेंसिंग लगाने की योजना बनाई है। लखनऊ ही नहीं वाराणसी और इज्जतनगर मंडल में सेफ्टी फेंसिंग लगाई जाएगी। तीनों मंडलों में अभी तक चिह्नित 162 किमी में 135 किमी रेललाइन के किनारे सेफ्टी फेंसिंग लगा दी गई है।
केस 1-बीते बुधवार को ही गोरखपुर आ रही अवध-असम से जानवर टकरा गया था, अवध-असम के पीछे चल रही वंदे भारत भी परसा तिवारी स्टेशन पर आधे घंटे खड़ी रही।
केस 2- वंदे भारत पर एक माह में चार भर पत्थरबाजी की घटना हो चुकी है। एकबार जानवर भी सामने आ गया था, जिससे इंजन क्षतिग्रस्त हो गया।
130 किमी प्रति घंटा की रफ्तार के लिए आवश्यक सेफ्टी फेंसिंग का कार्य स्वीकृत हो चुका है। टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। इस कार्य के लिए लखनऊ मंडल के अंतर्गत लगभग 220 करोड़ रुपए के काम स्वीकृत किए गए हैं। इससे ट्रेनों की स्पीड बढ़ेगी। दुर्घटनाओं पर अंकुश लगने से ट्रेनों का समय पालन दुरुस्त होगा।
- पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ