- सिटी के विभिन्न पंडालों को आकर्षक रूप देने में दिन-रात लगे कलाकार
- तीन दिवसीय मेले को लेकर भी शुरू हैं तैयारियां
GORAKHPUR: गोरखपुराइट्स के लिए इस बार का दुर्गा पूजा व दशहरा मेला और खास होगा। सिटी के अलग-अलग चौराहों पर अलग-अलग डिजाइन वाले पंडाल देखने को मिलेंगे। इन्हें अधिक से अधिक अट्रैक्टिव बनाने के लिए कलाकार दिन-रात लगे हुए हैं। कुछ जगहों पर लोकल तो कुछ जगहों पर कोलकाता से आए कलाकार पंडाल व मूर्तियों को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं।
खास होगा मेला
नवरात्रि में सप्तमी से लगने वाले मेले को लेकर भी खास तैयारियां चल रही हैं। इस आयोजन को खास बनाने के लिए दुर्गा पूजा समितियां तैयारियों में लगी हुई हैं। कूड़ाघाट स्थित दुर्गा पंडाल में मां वैष्णो की गुफा का दर्शन होगा। स्वचालित सीढि़यों से चलने वाली मां दुर्गा की प्रतिमा को भी अंतिम रूप देने में कलाकार लगे हैं।
कार्तिकेय, गणेश की भी प्रतिमाएं
श्री दुर्गा पूजा समिति स्व। सुदामा सिंह की तरफ से रेलवे स्टेशन रोड पर बन रहे पंडाल में कोलकाता से आए कलाकार परंपरागत प्रतिमा को आकर्षक रूप देने में जुटे हुए हैं। आयोजक अमित सिंह बताते हैं कि मां दुर्गा, गणेश, लक्ष्मी और कार्तिकेय की जितनी भी प्रतिमाएं लगाई जाएंगी, वह मेले में आने वाले दर्शकों के लिए खास होंगी।
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धर्मशाला चौराहे पर भरत मिलाप
धर्मशाला चौराहे पर लगाए गए पंडाल के आयोजक हरिवंश बताते हैं कि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए इस बार कुछ खास नजर आएगा। मेले में तमाम तरह के एक्टिविटी कराई जाएगी। जिसमें भरत मिलाप का सीन भी दर्शाया जाएगा। इन सभी के लिए तैयारियां चल रही हैं। सप्तमी के दिन से मेले मे रौनक दिखनी शुरू हो जाएगी।
सात अक्टूबर से होंगे कार्यक्रम
दुर्गाबाड़ी में बंगाली समिति की तरफ से 7 अक्टूबर से विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों की घोषणा कर दी गई है। अशोक देव नीलू बताते हैं कि श्रद्धालुओं को इस बार काफी कुछ खास देखने को मिलेगा। वे बताते हैं कि मां दुर्गा, महिषासुर, शेर, लक्ष्मी, सरस्वती, कार्तिकेय व गणेश जी की प्रतिमा संयुक्त रूप से बनाई गई है। इन प्रतिमा को देखकर यह नहीं लगेगा कि ये सारी प्रतिमाएं एक में अटैच हैं।
कार्यक्रम
7 अक्टूबर - सुबह 4 बजे प्रभाती अनुष्ठान, रात 8 बजे सांस्कृतिक अनुष्ठान
8 अक्टूबर - सुबह 9.28 बजे तक सप्तमी पूजा एवं प्रसाद वितरण
9 अक्टूबर - सुबह 9.28 बजे तक अष्टमी पूजा एवं प्रसाद वितरण, शाम 5.10 बजे से 5.58 तक संधि पूजा, शाम 7 बजे देवी आरती, रात्रि 9 बजे हिंदी नाटक
10 अक्टूबर - सुबह 8.30 बजे तक नवमी पूजा, प्रसाद वितरण, शाम 7.30 बजे देवी आरती, रात्रि 9 बजे देवी जागरण
11 अक्टूबर - सुबह 8.30 बजे तक दशमी पूजा बाद, प्रसाद वितरण, शाम 5.30 बजे से विसर्जन शोभा यात्रा