- महिला हॉस्टिल में प्रसूता की पिटाई का मामला
- सीएमओ आफिस में तलब हुए एंप्लाइस
GORAKHPUR: जिला महिला अस्पताल में महिला की पिटाई का मामला टयूज्डे का सामने आया था। उस महिला ने जिस बच्ची को जन्म दिया था, उसे उसी दिन बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भरती कराया गया था। फ्राइडे को उस नवजात की मौत हो गई। बच्ची की मौत पर परिजनों ने आरोपी डॉक्टर्स और स्टाफ के खिलाफ तहरीर दे दी है। बच्ची के मौत पर फैमिली मेंबर्स सदमे में है। उन्हें विश्वास नहींहो रहा है कि जिसे मासूम को उन्होंने जी भर के देखा नहींथा, वह उन्हें छोड़ कर चली गई है। घटना से आहत फैमिली मेंबर्स डॉक्टर, स्टाफ नर्स और दाई पर लापरवाही की आरोप लगाया।
टीम के सामने हुआ बयान
जिला महिला अस्पताल में प्रसव के लिए गई प्रसूता को पीटने के मामले में सीएमओ डॉ। एमके सिंह, जिला महिला अस्पताल की एसआईसी सुनीता कुमार, एसीएमओ डॉ। एके सिन्हा और डॉ। एनके सिंघल के समक्ष आरोपियों तलब किया गया। इसमें डा। सुषमा सिन्हा, स्टाफ नर्स नीलम और दाई हबीबून्निशा शामिल हैं। एक-एक करके सभी से बयान लिया गया, लेकिन पीडि़त पक्ष की तरफ से कोई भी सदस्य नहीं पहुंचा था। इसकी वजह से जांच अभी पूरी नहीं हो पायी है। बताते चलें कि हॉस्पिटल में महिला की पिटाई के मामले में फैमिली मेंबर्स ने डॉक्टर, स्टाफ नर्स और दाई पर आरोप लगाया था कि डिलीवरी के लिए आई नसीमा को ओटी में ले जाकर नर्स और दाई ने जमकर पीटा था। इसके परिणाम यह हुआ कि पेट में ही अजन्मे बच्चे को सिर में चोंटें आ गई।
वर्जन
आरोपी डॉक्टर, स्टाफ नर्स और दाई से स्टेटमेंट ले लिया गया है। पीडि़त पक्ष के फैमिली मेंबर्स को भी बुलाया गया था, लेकिन वह नहीं आए। इसकी वजह से जांच अभी अधूरी है।
डॉ.एमके सिंह, सीएमओ
जांच में सभी के पक्ष लिए गए है लेकिन पीडि़त पक्ष के नहीं आने पर जांच रोक दिया गया है। जांच सीएमओ स्तर पर ही फाइनल होनी है।
डॉ। सुनीता कुमार एसआईसी जिला महिला अस्पताल