- हट्ठी माई मंदिर के पास की प्रॉपर्टी के कागजों में किया घालमेल

- 36 की बजाए 25 हजार रुपए के रेट से दिया स्टांप शुल्क

- एडीएम एफआर और असिस्टेंट कमिश्नर स्टांप की जांच में हुआ खुलासा

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : कागजों में हेर-फेर कर शहर में स्टांप चोरी का खेल धड़ल्ले से चल रहा है। इस खेल से सरकार को हर माह करोड़ों रुपए का चूना लगाया जा रहा है। ये बड़ा खुलासा तब हुआ जब एडीएम एफआर और असिस्टेंट कमिश्नर स्टांप की टीम एक कंप्लेंट के मामले में जांच करने पहुंची। टीम ने शहर के फेमस व्यापारी और गोरखपुर संयुक्त व्यापार मंडल अध्यक्ष सीताराम जायसवाल के बेटे संजय कुमार जायसवाल की कंपनी प्रभुजी बिल्डजोन प्राइवेट लिमिटेड की एक प्रॉपर्टी का निरीक्षण किया। इस कंपनी के कागजों में हेरफेर के जरिए करीब 21 लाख रुपए की स्टांप चोरी की बात सामने आई है। असिस्टेंट कमिश्नर स्टांप ने कंपनी के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है।

25 हजार प्रति वर्ग मीटर के रेट से लगाया स्टांप

स्टांप चोरी की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद एडीएम एफआर दिनेश चंद्र सिंह और अस्सिटेंट कमिश्नर स्टांप राम शंकर सिंह ने छापा मार 30 दिसंबर को एक प्रॉपर्टी का निरीक्षण किया। यह प्रॉपर्टी मिर्जापुर निवासी सीताराम जायसवाल के बेटे संजय कुमार जायसवाल की कंपनी प्रभुजी बिल्डजोन प्राइवेट लिमिटेड ने अली नगर निवासी इंद्र रमन दास, रत्नेश रमन दास और रमन दास से एक प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराई थी। यह प्रॉपर्टी करीब 2731.33 वर्ग मीटर एरिया में है। संजय कुमार जायसवाल ने 25 हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर और निर्माण की वैल्यू 6500 रुपए प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से स्टांप लगा कर 12 दिसंबर 2014 को रजिस्ट्री कराई थी।

15 फीट में 21 लाख का घालमेल

अस्सिटेंट कमिश्नर स्टांप रामशंकर सिंह ने बताया कि रजिस्ट्री के लिए शहर की हर गली, हर मोहल्ले की प्रॉपर्टी का रेट फिक्स है। क्रमांक 75 पर टाउनहाल से हट्ठीमाई मंदिर तक का रेट 36 हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर निर्धारित है। वहीं क्रमांक 76 पर हट्ठी माई मंदिर से जुबली टाकीज रोड तक का रेट 25 हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर है। संजय कुमार जायसवाल की प्रॉपर्टी गोलघर से करीब 150 मीटर दूर, कलेक्ट्रेट परिसर से 200 मीटर दूर, टाउन हाल से जुबली टाकीज जाने वाली रोड पर पड़ने वाली हट्ठी माई मंदिर के तिराहे पर, सड़क के उत्तरी किनारे पर स्थित है। यह प्रॉपर्टी हट्ठी माई मंदिर के कॉर्नर से करीब 15 फीट पहले शुरू होकर पश्चिम की ओर स्थित है। नियमों के अनुसार इस प्रॉपर्टी पर स्टांप शुल्क 36 हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर के मुताबिक लगना चाहिए, लेकिन कंपनी की ओर से 25 हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से स्टांप लगाया गया। इस पूरे ट्रांजेक्शन में करीब 21 लाख रुपए की स्टांप चोरी की गई।

स्टांप शुल्क में हुई धांधली

असिस्टेंट कमिश्नर स्टांप ने बताया कि निरीक्षण के बाद स्टांप चोरी की बात सामने आई। जिसके बाद पूरी प्रॉपर्टी का रेट 39,600 रुपए प्रति वर्ग मीटर के रेट से लगाया गया। इसके चलते 0 से 500 वर्ग मीटर तक 1 करोड़ 98 लाख रुपए, 1000 वर्ग मीटर तक 1 करोड़ 68 लाख 30 हजार रुपए, 2000 वर्ग मीटर तक 3 करोड़ 16 लाख 80 हजार रुपए और शेष 737.33 वर्ग मीटर का रेट दो करोड़ 2 लाख 72 हजार 467 रुपए बना। साथ ही पक्के निर्माण 232.23 वर्ग मीटर का 4 लाख 52 हजार 848 रुपए और टिनशेड 252.23 वर्ग मीटर का 4 लाख 91 हजार 848 रुपए, बाउंड्रीवाल का रेट 2,00,000 रुपए हुआ। मतलब पूरी प्रॉपर्टी का न्यूनतम मार्केट रेट 8 करोड़ 97 लाख 27 हजार 163 रुपए हुआ। इस हिसाब से स्टांप शुल्क 62 लाख 80 हजार 960 रुपए लगना चाहिए, मगर कंपनी ने 41 लाख 11 हजार 680 रुपए का स्टांप शुल्क दिया। पूरे लेन-देन में 21 लाख 69 हजार 280 रुपए की स्टांप चोरी की गई है।

एक शिकायत के बाद एडीएम एफआर दिनेश चंद्र सिंह के साथ मैंने प्रॉपर्टी का निरीक्षण किया। जमीनी हकीकत जानने के बाद पता चला कि कागजों में हेरफेर कर प्रभुजी बिल्डजोन प्राइवेट लिमिटेड ने 21,69,280 रुपए के स्टांप शुल्क की चोरी की है। इस कंपनी के डायरेक्टर मिर्जापुर निवासी संजय कुमार जायसवाल हैं। मूल्यांकन सूची के दोषपूर्ण निर्वचन एवं स्टांप अधिनियम की धारा-27 के प्रावधानों की अवहेलना की गई है।

राम शंकर सिंह, असिस्टेंट कमिश्नर स्टांप