- स्थानीय निकाय निर्वाचन के नामांकन में सबने तोड़ी हद, ताकते रहे अफसर
- धारा 144 की ऐसी-तैसी, हवा में आचार संहिता
GORAKHPUR: गोरखपुर- महराजगंज स्थानीय निकाय निर्वाचन के लिए पूर्व मंत्री जय प्रकाश यादव ने शनिवार को पर्चा दाखिला किया। पूर्व मंत्री के पर्चा दाखिले में चुनाव आचार संहिता का खूब मखौल उड़ा। महानगरीय सीमा क्षेत्र में लागू धारा 144 की ऐसी की तैसी हुई। नामांकन कक्ष के भीतर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा रहा। बैरिकेडिंग के आस-पास नेताओं के निजी अंगरक्षक असलहे लेकर मंडराते रहे। इस मामले में पूछने पर डीएम कन्नी काट गए। स्टेट इलेक्शन कमीशन से बात करने को कहकर उन्होंने अपना पल्ला झाड़ लिया। सपा प्रत्याशी के मामले में प्रशासनिक अफसर बात करने से बच रहे हैं।
भीतर से लेकर बाहर जमावड़ा
सपा ने पूर्व मंत्री जय प्रकाश यादव को प्रत्याशी बनाया है। शनिवार को नामांकन के लिए पार्टी से जुड़े नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता चंपा देवी पार्क में जुटे। करीब साढ़े 11 बजे पूरी तैयारी के साथ पूर्व मंत्री पर्चा दाखिल करने के लिए पार्क से रवाना हुए। उनके साथ पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी लग्जरी गाडि़यों से कलेक्ट्रेट पहुंचे। दोपहर 12 बजे तक कलेक्ट्रेट कैंपस में गाडि़यों का रेला लग गया। ढोल-नगाड़े की धुन पर नारेबाजी करते हुए कार्यकर्ता नामांकन कक्ष तक पहुंचे। ज्यादातर बड़े नेता नामांकन कक्ष में दाखिल हुए तो बाहर नेताओं का जमावड़ा लगा रहा। नामांकन कक्ष में जिनको कुर्सी मिली वो लोग वहीं जमकर बैठ गए। बाकी लोग खड़े होकर बातचीत करने लगे। इस दौरान चुनाव आचार संहिता के अनुपालन को लेकर किसी ने गंभीरता नहीं दिखाई। चुनाव संबंधित औपचारिकता पूरी करके पूर्व मंत्री ने दो सेट में पर्चा दाखिल किया।
नौ थाना क्षेत्रों में लागू
एमएलसी चुनाव के नामांकन में महानगरीय क्षेत्र में लागू धारा 144 का मजाक बन गया। बसंत पंचमी, वैलेंटाइन डे, संत रविदास जयंती, विभिन्न परीक्षाओं को देखते हुए महानगर के नौ थाना क्षेत्रों में धारा 144 की लागू की गई है। एडीएम सिटी की ओर से जारी आदेश में धारा 144 की निषेधाज्ञा के उल्लंघन पर दंडित किए जाने का आदेश दिया गया है। बावजूद इसके शनिवार को पर्चा दाखिला में किसी ने इसका ख्याल नहीं किया। कलेक्ट्रेट कैंपस में लोग बेहिचक असलहे लेकर पहुंचे। पुलिस और प्रशासन के अफसर इसको नजरअंदाज करते रहे। सपा जिलाध्यक्ष की ओर से सिर्फ सभा की अनुमति ली गई थी। जुलूस के संबंध में कोई आवेदन नहीं किया गया था।
क्या कहता है नियम
- प्रभावित क्षेत्र में बिना मजिस्ट्रेट की अनुमति के कोई भी व्यक्ति लाइसेंसी असलहे लेकर नहीं चल सकेगा। जुलूस में चलने के लिए भी अनुमति लेनी होगी।
- कमिश्नरी, कलेक्ट्रेट, विकास भवन अथवा किसी सरकारी दफ्तर के कैंपस में बिना पूर्व अनुमति के धरना-प्रदर्शन, जुलूस का कार्यक्रम आयोजित करना, अनावश्यक रूप से भीड़ लगाने पर पूर्णतया प्रतिबंध रहेगा।