- करीबियों को लोहिया आवास दिलाने के लिए माननीय हैं परेशान
- विधायक कोटे से 10-10 पात्रों को दिए जाने हैं लोहिया आवास
- माननीय की लिस्ट में शामिल नाम निकल रहे 'अपात्र'
GORAKHPUR: गरीब पब्लिक के सिर पर छत देने के लिए सरकार द्वारा स्टार्ट की गई स्कीम में माननीयों को छूट है कि वे अपने तरफ से 10 नाम सुझाएं, बशर्ते कि वे क्राइटेरिया को पूरा करते हों। माननीयों ने अपने करीबियों के नाम तो भेज दिए लेकिन वेरीफिकेशन के बाद वे नाम कैंसिल कर दिए गए। अब माननीय इस ऊहापोह में हैं कि क्या करें। जिन अपनों ने वर्षो तक उनका हर काम में साथ दिया, और उनसे आवास की उम्मीद लगाए बैठे हैं, यदि उन्हें आवास नहीं मिलता है तो वे नाराज होंगे। वहीं क्राइटेरिया पूरा किए बिना डीआरडीए उन्हें आवास देने को तैयार नहीं। ऐसे में माननीय लोग अपनों को खुश करने के लिए गुणा-गणित लगाने में जुटे हुए हैं।
अपनों के दूर होने का डर
माननीयों के पास सपोर्टर्स की लंबी फेहरिस्त है। हर कोई चाहता है कि वह उनके साथ लंबे अरसे से वक्त बीता रहा है, तो इसका लाभ उसे मिले। इसके लिए वह अपने करीबी विधायकों के घर पहुंच रहे हैं, लेकिन लिमिटेड आवास होने से विधायकजी की परेशानी बढ़ी हुई है। वहीं विधायकों को इस बात का भी ख्याल है कि उनके साथ जो कार्यकर्ता लगे हुए हैं उन्हें किसी तरह की नाराजगी न हो। इस कारण क्राइटेरिया नहीं पूरा करने के बाद भी वे अपने चहेतों का नाम आगे फॉर्वर्ड कर दे रहे हैं।
कैंसिल हो जा रहे नाम
डीआरडीए के पास पहुंची लंबी फेहरिस्त में नौ विधायकों की बात करें तो सिर्फ एक विधायक की लिस्ट के नाम ही आवास के पात्र पाए गए हैं। बाकी जितने भी विधायकों ने लिस्ट सौंपी है, वह पात्र की क्राइटेरिया में किसी तरह से फिक्स नहीं हो पा रहे हैं। जिस वजह से जांच के बाद उनका नाम रिजेक्ट हो जा रहा है। लाख जुगाड़ के बाद भी उन्हें आवास मुहैया नहीं हो पा रहे हैं। हालत यह हो गई है कि अब विधायकों की टेंशन बढ़ गई है और वह पात्रों को ढूंढने में लग गए हैं।
वर्जन
सभी विधायकों को अपने-अपने कोटे से 10-10 लोहिया आवास पात्रों को देने हैं। सभी विधायकों ने लिस्ट भेज दी है, इनकी जांच कराई जा रही है। इसमें जो मानक के मुताबिक मिलेंगे, उन्हें ही आवास एलॉट किए जाएंगे। अभी तक सिर्फ एक विधायक के पास से पात्र की सही लिस्ट आई है।
- हेमंत कुमार सिंह, पीडी, डीआरडीए