-गर्मी की अपेक्षा ठंड के मौसम में बढ़ जाती है सिगरेट की खपत

-ब्रांडेड के ज्यादा लोकल सिगरेट की दो गुनी हो जाती मार्केट

-गर्मी से ज्यादा ठंड में नुकसान होती है सिगरेट

GORAKHPUR: हम सर्दी में कोहरे से बचते हैं, उससे डरते हैं। लेकिन शहर में एक और कोहरा है जो खतरनाक है। यह कोहरा है सिरगेट के धुएं का। सिगरेट के पैकेट पर संवैधानिक चेतावनी लिखे जाने के बाद भी लोग इसे नजरअंदाज करते हैं। वे सिगरेट पीने के लिए कोई न कोई बहाना भी खोज लेते हैं। जैसे टेंशन बहुत है, वर्क लोड ज्यादा है या फिर बहुत सर्दी है। आपको बता दें कि सिगरेट की सबसे ज्यादा खपत और मार्केट जाड़े के मौसम में ही बढ़ती है। दूसरा खतरनाक सच यह भी है सर्दी के मौसम में ही सिगरेट की सबसे ज्यादा खतरनाक होती है। कोहरे के मौसम में सिगरेट का धुआं शरीर के लिए घातक होता है।

मानसिकता के चलते होती है खपत

आंकड़ों पर नजर डालें तो गर्मी के मुकाबले सर्दी के मौसम में सिगरेट की खपत बढ़ जाती है। कारोबारियों की मानें तो यह कारोबारी सीजन होता है, लेकिन इसकी सबसे बड़ी वजह है मौसम। ठंड में लोग गर्मी पाने के लिए सिगरेट का सहारा लेते हैं, जबकि गर्मी में तापमान इतना ज्यादा होता है कि वे सिगरेट को एवाइड करते हैं।

करोड़ों का है कारोबार

सिगरेट की चार बड़ी कंपनीज गोरखपुर में हैं। जिनके कई डिस्टीब्यूटर्स और सप्लायर्स हैं। साहबगंज के थोक कारोबारियों का कहना है कि सिगरेट का कारोबार काफी बड़ा हैं। हर दिन करोड़ों रुपए का टर्नओवर मार्केट में होता है। गोरखपुर की मंडी से आसपास के डिस्ट्रिक्ट में भी सप्लाई जाती है।

ब्रांडेड से कम नहीं लोकल की मार्केट

ब्रांडेड कंपनी के मुकाबले लोकल सिगरेट की मार्केट कम नहींहै। पचास पैसे से लेकर दो रुपए तक की लोकल सिगरेट मार्केट में बिक रही है। सबसे बड़ी बात है कि उन पर व्यापारी कोई टैक्स नहींदेते हैं। इनकी सप्लाई शॉप टू शॉप और डोर टू डोर होती है। शॉपकीपर्स का कहना है कि ब्रांडेड कंपनी की तरह हर दिन करोड़ों का कारोबार लोकल ब्रांड की सिगरेट का भी होता है।

लोकल ने बीड़ी उद्योग पर लगाई लगाम

गोरखपुर और आस-पास के डिस्ट्रिक्ट में लोकल ब्रांडेड की सिगरेट का कब्जा हैं। खासतौर पर रूरल एरिया में इसकी सबसे बड़ी मार्केट हैं। जहां पचास पैसे से लेकर दो से तीन रुपए तक की सिगरेट बेची जा रही हैं। रेट कम होने और ब्रांडेड के बराबर सुविधा देने के चलते बीड़ी उद्योग की मार्केट पर लोकल सिगरेट का कारोबार धीरे-धीरे कब्जा कर रहा हैं।

वर्जन-

निकोटीन के यूज से शरीर धमनियां सिकुड़ जाती हैं। इनके सिकुड़ने से हार्ट के ब्लॉक अनस्टेबल हो जाते हैं। इसके चलते हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। सिगरेट गर्मी हो या सर्दी दोनों ही खतरनाक है।

डॉ। सौरभ श्रीवास्तव, कार्डियोलॉजिस्ट

सिगरेट किसी भी मौसम में नुकसानदायक है। ठंड में तीन तरह से इसका नुकसान ज्यादा बढ़ जाता है। कोहरे के मौसम में कोल्ड, ज्यादा घनत्व वाली हवा और नमी सिगरेट के जरिए शरीर के अंदर जाती है। जिससे दमा के रोगी को दिक्कत हो जाती है।

डॉ। वी.एन अग्रवाल, चेस्ट स्पेशलिस्ट

गर्मी की अपेक्षा ठंड के मौसम में सिगरेट की खपत ज्यादा होती है। इन दिनों थोक और फुटकर मार्केट में सेल दोगुनी हो जाती है। जबकि पान मसाले की बिक्री ठंड में घट जाती है।

अमित गुप्ता, गुटखा सिगरेट के थोक कारोबारी

जाड़े में सिगरेट की सेल करीब दोगुना होती है। ब्रांडेड सिगरेट से ज्यादा लोकल और सस्ती सिगरेट की खपत ज्यादा होती हैं। चार ब्रांडेड कंपनी के अलावा कई लोकल ब्रांडेड की सिगरेट की सप्लाई गोरखपुर और आस-पास एरिया में होती है।

अनिल चौरसिया, गुटका सिगरेट के थोक कारोबारी

गर्मी में तापमान ज्यादा होने के चलते लोग सिगरेट कम पीते हैं, जबकि ठंड में जाड़े से बचने के लिए लोग सिगरेट ज्यादा पीते हैं। हर दिन लोकल से ज्यादा ब्रांडेड कंपनी की सिगरेट लोग पीते हैं।

नरसिंह चौरसिया, फुटकर विक्रेता पान शॉप

ब्रांडेड सिगरेट की उपेक्षा मार्केट में लोकल और सस्ते दाम की सिगरेट आने से मार्केट बढ़ गई हैं। ये भी सच है कि गर्मी की अपेक्षा ठंड में सिगरेट की खपत बढ़ जाती हैं। लोग जाड़े में गर्मी लेने के चलते ज्यादा सिगरेट पीते हैं।

उमेश सिंह, फुटकर विक्रेता पान शॉप