गोरखपुर (ब्यूरो).डीएसटीओ चंद्रशेखर ने बताया कि प्रभारी मंत्री नियुक्त नहीं हुए हैै। क्योंकि उन्हीं के अध्यक्षता में बैठक होती है। सभी विभागों योजनाएं मांगी गई हैैं, जिसे कंपाइल कराया जा रहा है। दरअसल, जनपद का यह प्रस्तावित बजट है। हर विभाग अपना योजनाएं देती हैैं। उसके लिए अनुमानित बजट के साथ योजनाएं देता है। उसे कंप्लाइल किया जाता है। सबसे पहले वह क्षेत्र पंचायत से जिला पंचायत से हमारे डिपार्टमेंट आती है। विभागों से समन्वय स्थापित कर उसे बनाया जाता है। उसके बाद गवर्निंग बॉडी में प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में माननीयों के साथ बैठक होती है। जिसमें पास होता है। उसके बाद शासन को भेजा जाता है। फिर शासन की तरफ से प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में बैठक होगी। बजट को वहीं से एप्रूव्ड किया जाएगा। शासन से 5 अरब का बजट निर्धारित है। उन्होंने बताया कि कुछ दिन में आ जाएगा।
648 करोड़ 76 लाख का पास हुआ था बजट
ïवहीं पिछले साल जिला योजना समिति की बैठक में वर्ष 2021-22 में जिले की विभिन्न योजनाओं पर व्यय के लिए 648 करोड़ 76 लाख रुपए का बजट पास किया गया था। इसमें रोजगार कार्यक्रमों के लिए सर्वाधिक 168 करोड़ रुपए का बजट अनुमोदित किया गया। तत्कालीन प्रभारी मंत्री रमापति शास्त्री की अध्यक्षता में गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) के सभागार में बैठक आयोजित किया गया था। जिसमें विकास योजनाओं पर चर्चा की गई थी। तत्कालीन डीएम के विजयेंद्र पांडियन के निर्देश का पूरी तरह से अनुपालन किया गया था। वहीं तत्कालीन सीडीओ इंद्रजीत सिंह ने 2020-21 में अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष किए गए व्यय की जानकारी दी थी। साथ ही यह भी कहा था कि जो कमियां होगी उसे तत्काल दूर करने का पूरा प्रयास किया जाएगा। बैठक का संचालन जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी चंद्रशेखर ने किया था।
2021-22 में कार्य के लिए पास बजट
कार्य बजट
रोजगार कार्यक्रम -168
पशुपालन - 4.25
दुग्ध विकास - 8.50
सहकारिता - 10.28
वन विभाग - 12ण्21
ग्राम्य विकास - 46.70
पंचायती राज - 27.52
लघु सिंचाई - 15.71
राजकीय लघु सिंचाई - 6.34
सड़क व पुल - 124.27
पर्यटन - 4.70
प्राथमिक शिक्षा - 34.81
माध्यमिक शिक्षा - 15.48
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य - 6.86
यूनानी चिकित्सा - 5.45
परिवार कल्याण - 1.93
ग्रामीण स्वच्छता - 13.23
आवास योजना ग्रामीण - 60
अनुसूचित जाति कल्याण - 5.50
पिछड़ी जाति कल्याण - 15.62
सामान्य जाति - 994
समाज कल्याण - 18.50
दिव्यांगजन सशक्तीकरण - 2.50
महिला कल्याण - 17.64
नोट - सभी आंकड़े करोड़ रुपए में