- सस्ती चांदी और आर्टिफिशियल ज्वेलरी से बढ़ रही शोभा
- मार्केट में काफी डिमांड में हैं चांदी के जेवर
GORAKHPUR: मार्केट में उतार-चढ़ाव के साथ सोने में भले लोगों का विश्वास घटता-बढ़ता है, लेकिन चांदी पर इसका असर ना के बराबर ही रहता है। यही कारण है कि आज भी मार्केट के इनवेस्टर्स की पंसद में चांदी भी खासतौर से शामिल है। वहीं सस्ता और टिकाऊ होने के कारण मेटेल ज्वेलरी लोगों को भी काफी पसंद आती है। यही कारण है कि पुरानी परंपराओं से लेकर मॉर्डन ट्रेंड तक चांदी अपनी चमक यूं ही बिखेरती चली आ रही है।
पंरपरा के साथ मार्केट में भी मजबूत
चांदी की गिनती बेशक सोने के बाद होती है, लेकिन आज भी यह कहीं अधिक गहराई से हमारी परंपराओं में जुड़ी हुई है। चांदी की बिछिआ जहां हिंदू महिलाओं के लिए सुहाग की निशानी है, वहीं चांदी के देवता पूजा घरों की शोभा बढ़ाते हैं। साथ ही वर्तमान मार्केट पर भी चांदी की मजबूत पकड़ है। सराफा व्यापारी अमित कुमार बर्नवाल का कहना है कि इनवेस्ट करने के लिए चांदी के सिक्कों को सेफ जोन माना जाता है। इन पर लोगों को सिर्फ दो से तीन प्रतिशत का ही लॉस होता है।
पहली पसंद मेटल ज्वेलरी
अमित कुमार बर्नवाल ने बताया कि चांदी के जेवरों में सबसे अधिक पायल और बिछिआ बिकते हैं। इस समय मार्केट में इनके लेटेस्ट मॉड्ल्स अवेलबल हैं। खासकर बैंकॉक और सिंगापुर वाली बिछिआ की क्वालिटी तो इतनी अच्छी और स्मूद है कि वह कपड़ों में फंसती नहीं है। सुरक्षा और किफायत के चलते लोगों को ये काफी पसंद आ रही है।
राजा-रानी चांदी के सिक्के 12 ग्राम 550 रुपए
होलमार्क वाले चांदी के सिक्के 10 ग्राम 493 रुपए
सबसे छोटी गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति- 61 ग्राम 3000 रुपए
औसतन सबसे बड़ी मूर्ति 127 ग्राम 6300 रुपए
चांदी का मूल्य एक किग्रा 45200 रुपए
वर्जन
चांदी कई मायने में हमारे लिए महत्वपूर्ण है। ये हमारी मान्यताओं से करीब से जुड़ी है। इनवेस्टर्स के लिए चांदी अब भी सबसे सेफ जोन है।
- अमित कुमार बर्नवाल, डायरेक्टर, जमुना प्रसाद अभय मंगल प्रसाद ज्वेलर्स एवं बैंकर्स