- कायाकल्प योजना के तहत प्रदेश के 40 अस्पतालों हुआ था चयन
- गोरखपुर जिला अस्पताल कम अंक पाकर हुआ फेल
- एनआरएचएम के मिशन डायरेक्टर को पत्र लिख दूसरी टीम से मूल्यांकन कराने की मांग
GORAKHPUR: कायाकल्प योजना के तहत अस्पताल के ग्रेडिंग में कम अंक मिलने पर नाराजगी जाहिर करते हुए एनएचएम मिशन डायरेक्टर को पत्र लिखकर दोबारा मूल्यांकन कराने की मांग की है। बतातें चलें कि इसके तहत प्रदेश भर में 40 जिला अस्पतालों का चयन किया गया था। इसमें गोरखपुर भी शामिल था। योजना के तहत अस्पताल को साफ सुथरा, बायो वेस्ट के निस्तारण और उनके मानकों को पूरा करने का लक्ष्य पूरा करना था। इसमें अच्छा कार्य करने पर चयनित अस्पतालों को पुरस्कृत किया जाना था, लेकिन नेशनल हेल्थ मिशन टीम के इंस्पेक्शन में अस्पताल पूरी तरह से फेल साबित हुआ। इसी का नतीजा है कि उसे कम अंक मिले।
आज भी है 3 लाख जाने का गम
जिला अस्पताल को कायाकल्प योजना के तहत मिलने वाले लाभ का आज भी मलाल है। पिछली बार नेशनल हेल्थ मिशन ने योजना के तहत चयनित किए गए अस्पतालों का जायजा लिया था और उसकी बकायदा रिपोर्टिग की थी। जिसमें अन्य अस्पतालों से गोरखपुर जिला अस्पताल पीछे रहा। जिसकी वजह से उन्हें सिर्फ 60 अंक ही मिले। साथ ही 3 लाख पुरस्कार से वंचित रह गए। जबकि पास होने के लिए ग्रेडिंग के हिसाब से 70 अंक पाना अनिर्वाय था। लिहाजा चयनित अस्पतालों को दिल्ली में सम्मानित किया जाना है।
जांच टीम को ठहराया गलत
अस्पताल प्रशासन ने सवाल खड़े करते हुए जांच टीम को गलत ठहराया है। उनका कहना है कि योजना को पूरी तरह से फालो किया गया है और अस्पताल कैंपस से लेकर सभी स्वास्थ्य व्यवस्था को ठीक कराया गया, फिर भी जांच टीम ने कम अंक दिए हैं जो ठीक नहीं है। एसआईसी डॉ। एचआर यादव ने एनएचएम के मिशन डायरेक्टर को पत्र भेज कर कायाकल्प योजना का दोबारा किसी अन्य टीम ने मूल्यांकन कराने की मांग की है।