-एक साल से नहीं मिल रहा दवाइयों का बजट
द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : गोरखपुर सीतापुर आई हॉस्पिटल में दवाइयां खत्म होने की कगार पर है। किसी तरह दवा कंपनियों से दवाइयां मंगाई गई, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी दवाओं का भुगतान नहीं किया गया है। इसके नाते कंपनियों ने भी दवा देने से इंकार कर दिया। प्रबंधन का कहना है कि पचास लाख से अधिक का बकाया है। इसकी फाइल डीएम के पास गई थी, लेकिन फाइल पर डीएम का मुहर न लगने की वजह से मामला अधर में लटकता नजर आ रहा है।
दवा कंपनियों ने खड़े किये हाथ
सीतापुर आई हॉस्पिटल की स्थापना वर्ष 1952 में हुई थी। पूर्वाचल के अधिकांश पेशेंट्स अपने आंखो का इलाज कराने यहां आते हैं। भुगतान न होने से दस कंपनियों ने दवा देने से इंकार कर दिया है। कंपनियां बकाये के भुगतान के लिए हॉस्पिटल-प्रशासन के दफ्तरों के चक्कर लगा रही हैं, लेकिन भुगतान नहीं हो रहा। पेशेंट्स को कम दर पर मिलने वाली दवाइयां नहीं मिल रहीं। उन्हें बाहर की दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं। सूत्रों के मुताबिक दवाइयों की सप्लाई के लिए चार कंपनियों ने हामी भरी थी, लेकिन इसमें से तीन कंपनियों ने दवा देने से मना कर दिया है।
टेंडर प्रक्रिया के तहत चार कंपनियों को दवा सप्लाई की जिम्मेदारी दे दी गई है। टेंडर न होने की वजह से ही पुराना भुगतान रोका गया था। जल्द अन्य कंपनियों का भी भुगतान कर दिया जाएगा।
कुमार प्रशांत, सीडीओ