गोरखपुर (ब्यूरो)। लगातार लेटलतीफी से पैसेंजर्स काफी परेशान हैं। वहीं परिवहन निगम के अफसरों का कहना है कि यह समस्या एसी बसों की कमी के चलते आ रही है। इनकी संख्या बढ़ाए जाने के लिए बसों की मरम्मत कार्य चल रहे हैं। जल्द ही प्रॉब्लम दूर हो जाएगी।

रास्ते में एसी बस दे जा रही है धोखा

राप्तीनगर और गोरखपुर डिपो में 58 जनरथ एसी बसें उपलब्ध है। इसमें से ज्यादातर बसें कोरोना काल के दौरान खराब हो चुकी हैं। कुछ के टायर फट गए, तो कईयों में एसी ने काम करना बंद कर दिया। इन बसों को दुरुस्त कर सड़क पर उतारा गया है, लेकिन इसमें से कई बसों का एसी खराब होने की वजह से पैसेंजर्स को प्रॉब्लम फेस करनी पड़ रही है। पैसेंजर्स का कहना है कि बस स्टेशन से तो ठीकठाक बसें निकलती है लेकिन रास्ते में उनका एसी कूल करना बंद कर देता है। इसे लेकर जब कंडक्टर्स से कंप्लेन की जाती है तो कोई जिम्मेदार सॉल्युशन नहीं प्रोवाइड करा पाते। चंद घंटों का सफर है, इसलिए कोई दोबारा नहीं ध्यान देता है।

रेगुलर नहीं मिलती एसी बसें

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने एसी बसों की पड़ताल की। यूपी 78 एफटी 8314 जनरथ और यूपी 32 ईएन 9667 शताब्दी एक्सप्रेस एसी बस में कुछ ही पैसेंजर्स सफर करते मिले। नाम न छापने की शर्म पर शताब्दी एक्सप्रेस बस के कंडक्टर ने बताया कि एसी का फिल्टर समय से साफ नहीं होता है। शिकायत करने में ठेकेदार भड़क जाते हैं। लखनऊ से आने के बाद एसी के फिल्टर में जितनी गंदगी रहती है वो पैसेंजर्स देख लें तो बैठने से भी परहेज कर दें। क्योंकि फिल्टर गंदा होने पर एसी से जो दूषित हवा निकलती है वो पैंसेजर्स को बीमार बना सकती है।

फैक्ट फीगर

जनरथ बस-58

खबरा बसें-04

लखनऊ का किराया-510

दिल्ली का किराया-1427

शताब्दी बस-02

शताब्दी का किराया-515

वर्जन

कायाकल्प योजना के तहत बसों की मरम्मत के साथ रंगारोगन का कार्य चल रहा है। कुछ एसी बसों की मरम्मत कराई जा रही है। जल्द ही उन्हें सड़क पर उतारा जाएगा। साथ ही बसों की कमी को दूर करने के लिए मुख्यालय से नई बसों की डिमांड भी की गई हैं।

- धनजी राम, एसएम गोरखपुर रीजन