- बरगदवां चौकी के पीछे दुकानें हुई राख
- भारी नुकसान से दुकानदार दिख परेशान
GORAKHPUR: बरगदवां पुलिस चौकी के पीछे दुकानों में आग लगने से लाखों रुपए का सामान राख हो गया। घटना शनिवार रात करीब एक बजे हुई। पुलिस चौकी के पीछे आग लगने पर पुलिस ने तत्परता तो दिखाई लेकिन नुकसान को रोकने में नाकाम रही। रविवार सुबह मौके पर सदर सांसद महंत योगी आदित्यनाथ, नगर विधायक राधा मोहनदास अग्रवाल, पार्षद जनार्दन चौधरी, अजय ओझा, अमरनाथ जायसवाल, राजन जायसवाल भी पहुंचे। नुकसान का सर्वे करके हल्का लेखपाल रामदयाल ने मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया।
अचानक भड़की आग
गोरखपुर-सोनौली हाइवे पर बरगदवां मोड़ के पास पुलिस चौकी है। इसके पीछ हीे गंगा प्रसाद जायसवाल की खाली पड़ी भूमि है। पुलिस चौकी निर्माण होने के बाद से इसका मुकदमा चल रहा है। खाली पड़ी भूमि पर आसपास के लोगों ने करीब एक दर्जन दुकानें बना ली हैं। शनिवार को दुकानें बंद होने के बाद रात में करीब एक बजे शिव कुमार के चाट की दुकान से अचानक आग की लपटें उठने लगीं। चौकी पर ड्यूटी पर मौजूद सिपाहियों ने फायर ब्रिगेड को सूचना दी। फायर ब्रिगेड की गाडि़यों के पहुंचने से पहले ही आग फैल गई। देखते ही देखते आग ने 10 दुकानों को अपनी आगोश में ले लिया। इसी बीच चाट की दुकानों में रखे सिलेंडर फटने से आग बढ़ गई। दो घंटे की मेहनत के बाद पुलिस और फायर कर्मचारी आग को काबू कर सके। इस भीषण अगलगी में मोहरीपुर निवासी बलराम के बैग और बेल्ट की दुकान में करीब तीन लाख का माल जल गया। तीन दिन पहले ही उसने सारा माल मंगाया था। सभी दुकानदारों का करीब 10 लाख रुपए का नुकसान होने का अनुमान है।
इनका हुआ नुकसान
- आवास विकास कॉलोनी निवासी शिव कुमार के चाट की दुकान
- बरगदवां गांव के योगेंद्र की जूता-चप्पल की शॉप
- कोतवाली, बक्शीपुर निवासी पप्पू की फॉस्ट फूड शॉप
- बरगदवां निवासी दीपू के गन्ना जूस कॉर्नर की शॉप
- मोहरीपुर निवासी बलराम के बैग और बेल्ट की दुकान
- विकास नगर निवासी अभिषेक मद्देशिया की चाय-पकौड़ी की शॉप
- नेपाल निवासी संतोष लामा की फॉस्ट फूड कॉर्नर की शॉप
- विकास नगर निवासी गंगा सागर की सब्जी की दुकान जल गई
- मोहरीपुर निवासी रामलौट की सब्जी की दुकान जली
- बरगदवां निवासी गणेश जायसवाल की सब्जी की दुकान
आग ने तोड़ दी कमर
अगलगी की घटना से गरीब दुकानदारों की कमर टूट गई। रविवार सुबह अपनी दुकानों की हालत देखकर दुकानदार काफी परेशान थे। पूंजी जलने से उन्हें ऐसा कोई उपाय नहीं सूझ रहा था जिससे वह अपनी दुकानें दोबारा लगा सकें। कुछ तो ऐसे हैं जो अपने परिचितों से कर्ज लेकर दुकान चला रहे थे। स्कूल खुलने पर स्टॉक मंगाने वाले योगेंद्र और बलराम ने कई लोगों से कर्ज लिया है। उनके सामने कर्ज चुकाने का संकट खड़ा हो गया है।