- पंचायत चुनाव में ड्यूटी को लेकर संशय
- अचानक बहिष्कार करने से बिगड़ सकती है बात
GORAKHPUR : पंचायत चुनाव में शिक्षामित्रों से डयूटी लेना रिस्की हो सकता है। शिक्षामित्रों ने अचानक आंदोलन किया तो प्रशासन की मुश्किल बढ़ जाएगी। शिक्षामित्रों सहित अन्य संविदा कर्मचारियों से ड्यूटी लेने के संशय में अफसर पड़े हैं। उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा सभी लोगों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। निर्वाचन में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
आदेश पर आंदोलित शिक्षामित्र
बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षा मित्रों का समायोजन किया गया। उनको सहायक अध्यापक बना दिया गया। हाल ही में हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों के समायोजन को रद कर दिया। समायोजन रद होने के कोर्ट के फैसले से शिक्षामित्र प्रभावित हुए। लोगों ने कार्य बहिष्कार करके प्रदेश सरकार से हस्तक्षेप की मांग की। गवर्नमेंट ने शिक्षामित्रों के पक्ष में कार्रवाई का आश्वासन दिया।
कहां से लाएंगे कार्मिक?
शिक्षामित्रों का आंदोलन भड़कने की आशंका लगातार बनी हुई है। गवर्नमेंट का खुफिया तंत्र शिक्षामित्रों पर पूरी नजर रख रहा है। जिले में करीब 36सौ शिक्षा मित्र हैं। शिक्षामित्रों को पंचायत चुनाव की ड्यूटी में लगाया जाएगा। ऐसे में अफसरों को डर सता रहा है कि कहीं ऐन वक्त पर विरोध के स्वर उठे तो क्या होगा? इसको लेकर प्रशासन तैयारी में जुटा है। इसके अलावा अन्य विभागों के मानदेय कर्मचारियों को लेकर भी मंथन चल रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकत्री और सहायिकाएं भी मानदेय बढ़ाने को लेकर आंदोलित हैं।
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाएं बीएलओ की ड्यूटी कर रही हैं। इलेक्शन में भी ड्यूटी लगती है। फिलहाल इलेक्शन को देखते हुए आंदोलन स्थगित कर दिया गया है।
गीतांजली, प्रदेश संयुक्त मंत्री, महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ
पंचायत इलेक्शन में ड्यूटी लगाई जाएगी। सभी को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। ड्यूटी का बहिष्कार करने या विरोध जताने पर संबंधित के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।
कुमार प्रशांत, उप जिला निर्वाचन अधिकारी