गोरखपुर (ब्यूरो).बैरिकेडिंग होने से भीड़ होने के बावजूद दर्शन करने में किसी श्रद्धालु को कोई दिक्कत नहीं आई। कालीबाड़ी, एनई रेलवे बालक इंटर कॉलेज, दीवान बाजार, असुरन चौक, गोलघर, नसीराबाद, बसंतपुर, आजाद चौक, मोहद्दीपुर, मायाबाजार, घोष कंपनी, रेलवे लोकोशेड, आर्यनगर, धर्मशाला, गोरखनाथ आदि प्रतिमा पंडाल मेें दर्शन-पूजन के लिए लोगों की भीड़ देर रात तक दिखी। इन सभी स्थलों पर दुर्गोत्सव का चरम उत्साह देखा गया। खासकर महिलाएं और बच्चे विशेष उत्साहित नजर आए।
दुर्गा के नौ रूप में पूजी गईं कुमारी कन्याएं
शारदीय नवरात्रि की महानवमी तिथि पर दुर्गा के नौ रूपों में आमंत्रित कुमारी कन्याओं के पांव पखारे गए। मंदिरों और घरों में कलश स्थापन करने वाले परिवारों में सुबह से ही कन्या पूजन शुरू हो गया। मां दुर्गा के विविध रूपों में कहीं सात तो कहीं नौ कन्याओं की पूजा की गई। कालीबाड़ी में नौ कुमारी कन्याओं का विधि-विधान से पूजन किया गया। कन्याओं के पांव पखारे गए और फिर रोली, अक्षत चंदन से टीका लगाकर उनकी आरती उतारी गई। श्रृंगार की वस्तुओं के अलावा वस्त्र का दान किया गया। घरों में कन्याओं का पूजन करके उन्हें भोजन कराया गया। अंत में दक्षिणा देकर उन्हें विदा किया गया।
अघोरपीठ में हुआ कन्या पूजन
अघोरपीठ ट्रस्ट प्रमुख अवधूत छबीले राम ने कन्या पूजन किया। पीठ के भक्तों द्वारा परम पूजनीय गुरुदेव का मातृ रूप में महाश्रृंगार एवं शंख डमरू इत्यादि बजाकर आरती गाई गई। इसके बाद गुरुदेव अवधूत छबीले राम के द्वारा नौ कन्याओं और भैरवनाथ जी के पैरों को पखार उन्हें भोजन कराने के साथ दक्षिणा प्रदान की गई। संख्या आरती कर सहभोज का आयोजन किया गया।
गायत्री शक्तिपीठ में हुई पूर्णाहुति
गायत्री शक्तिपीठ राजघाट पर मंगलवार को नौ दिनों के पूजन की पूर्णाहुति हवन करके दी गई। इसके बाद कन्याओं को भोजन कराकर और दक्षिणा देकर विदा किया गया। इस अवसर पर गिरीजेश, शैलेन्द्र, जेबी राय, शिवानन्द दुबे, अशोक तिवारी, जगन्नाथ द्विवेदी, सुनील दुबे, गोविंद मिश्रा, कुसुम यादव, अच्युतानंद शर्मा आदि मौजूद रहे।