हकीकत बयां- जल जमाव साहबगंज
- साहबगंज मंडी में हर साल होता है जल जमाव
- जल जमाव होने के बाद मौके पर पहुंचते हैं अफसर
- अफसरों के आश्वासन का आइना दिखा देते हैं नाले
GORAKHPUR:
सेठ जी कैसे आएं दुकान के अंदर, आप तो दीवार बनाकर हम लोगों को बाहर रही रोक दिया है, अरे नहीं भाई साहब अंदर आइए, यह किसी ग्राहक को रोकने के लिए दीवार नहीं बनाई गई है, बारिश का पानी रोकने के लिए है, आप अंदर आ जाइए। यह बातें आपको साहबंज मंडी में पूरे साल सुनाई दे सकती है। दुकानों के सामने खड़ी यह दीवार नगर निगम की जल निकासी व्यवस्था की पोल खोल रही हैं। साहबगंज मंडी के अधिकांश दुकानों के सामने बारिश का पानी रोकने के लिए दो से तीन फीट ऊंची दीवार बना दी गई है।
उल्टी गंगा बहाने का कार्य किया नगर निगम
अभी तक कहावतों पर यह कहा था रहा है कि उल्टी गंगा बहाना, लेकिन साहबगंज मंडी में नगर निगम ने उल्टी गंगा बहाकर साबित कर दिया है। लोहे के सामनों के व्यापारी जगरनाथ शाह का कहना है कि पांच साल पहले साहबगंज मे जल जमाव बारिश होने के बाद एक से दो घंटे के लिए रहता था, लेकिन पांच साल से नगर निगम ने उल्टी गंगा बहाकर साहबगंज को बारिश के समय पोखरा में तब्दील कर देता है। एक नाला शुरू में 10 फीट चौड़ा था, जिससे पानी सीधे रामगढ़ताल में चला जाता था, लेकिन अब उस नाले के एक चौथाई हिस्से के पानी को राप्तीनदी में गिराने लगे हैं। जब से नगर निगम ने यह शुरू किया है, साहबगंज में जल जमाव की हालत बनने लगी है।
इस बार भी डूबेगा
साहबगंज मंडी की जल निकासी करने वाले नालों की सफाई तो हो गई है, लेकिन छोटी और मध्यम आकार की नालियों में सिल्ट उसी तरह से जमा है। सिल्ट जमा होने के कारण बारिश के समय सड़क का पानी एक लेबल तक आने आप निकल जाएगा, लेकिन नालियों से निकलने वाला पानी जल जमा का कारण बनेगा।
नगर निगम के अधिकारी हो या जनप्रतिनिधि सबने मिलकर साहबगंज के साथ मजाक करते हैं। जल जमाव होता है और जब दुकानों में पानी घुस जाता है तो निरीक्षण करने के लिए आते हैं, लेकिन केवल आश्वासन देते हैं कार्य कुछ नहीं करते हैं।
जगरनाथ शाह, व्यापारी
साहबगंज की नालियों और नाले दोनों जाम हैं। इतना बड़ा नाला है और नाली है, इसकी सफाई हर माह होनी चाहिए, लेकिन स्थिति यह है कि कभी साल में एक बार सफाई होती है। जिसका परिणाम यह है कि हल्की बारिश होते ही जल जमाव की हालत बन जाती है।
अविनाश गुप्ता, व्यापारी
बारिश होते ही पूरे साहबगंज में दो से तीन फीट तक पानी जमा हो जाता है। कई दुकानों में तो पानी अंदर घुस जाता है। सभी लोग दुकान के सामने दीवार बना लिए हैं, जिससे दुकान में पानी न जाएं। स्थिति यह है कि साहबगंज के सामने सभी दुकानों के सामने दो से तीन फीट उंची दीवार खड़ी है।
दीपचंद गुप्ता, व्यापरी
व्यापारियों के दर्द को कोई सुनने वाला नहीं है। हर साल जल जमाव से गोरखपुर मंडल के सबसे बड़ी मंडी त्रस्त होती है, लेकिन इस दर्द को कोई सुनने वाला नहीं है। स्थिति यह है कि हम लोग हर साल दर्जनों पर नगर निगम को पत्र लिखते हैं, लेकिन वहां से एक ही काम होता है आश्वासन देने का।
अजीत कुमार अग्रहरि, अध्यक्ष जिला उद्योग व्यापार मंडल