- डीडीयूजीयू के दीक्षांत सप्ताह समारोह के दूसरे दिन चांद सितारों की लुक छिपी पर आयोजित हुआ व्याख्यान
GORAKHPUR: चन्द्रमा को बादलों के पीछे छुपते हुए हर कोई देखता है। जब चन्द्रमा खिसकता है तो उसके पीछे सुदूर स्थित ग्रह-तारे, निहारिकायें, मंदाकिनियां कुछ देर के लिए आंखों से ओझल होती है। कभी-कभी घंटों तो कभी मिनटों के बाद नजर आती हैं। यह बातें भौतिकी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो। जय प्रकाश चतुर्वेदी ने कही। वह 34 वें दीक्षांत सप्ताह समारोह के दूसरे दिन 'चांद सितारों की लुका छिपी' विषय बतौर चीफ गेस्ट व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे। संवाद भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में एक्सपर्ट्स ने अपनी बातें रखीं।
आकाश में होता है लुका छिपी
व्याख्यान के दौरान प्रो। चतुर्वेदी ने कहा कि यह जानकर आश्चर्य होगा कि आकाश में स्थिति खगोलीय पिण्ड भी यह मनोहारी खेल अनवरत खेलते रहते है। उन्होंने कहा कि-हमें सूर्य से उर्जा मिलती है और चन्द्रमा को भी उर्जा सूर्य से मिलती है। आकाश में खगोलीय पिण्डों में सदैव लुकाछिपी का खेल वैसे ही होता है, जैसे हम बचपन में खेलते रहते हैं। चन्द्रमा लगातार हमसे दूर होता जा रहा है। अपने व्याख्यान में उन्होंने चन्द्रमा की गतिविधियों पर विस्तार से चर्चा की। अपनी वातों को स्पष्ट करने के लिए उन्होंने अनेक स्लाइड भी दिखाया और अपनी बातों की पुष्टि की।
दीप प्रज्जवलन संग हुई शुरुआत
संवाद भवन में सुबह 11 बजे शुरू हुए व्याख्यान की शुरुआत दीप प्रज्जवलित कर मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर हुई। इस दौरान यूनिवर्सिटी के भौतिकी विभाग की छात्राओें ने सरस्वती वंदना और कुल गीत पेश किया। इस मौके पर वीसी प्रो। अशोक, अनुश्रवण समिति के संयोजक प्रो। एचएस शुक्ल ने विशिष्ट अतिथि प्रो। जेपी चतुर्वेदी का स्वागत किया। अध्यक्ष भौतिकी विभाग प्रो। सुग्रीव नाथ तिवारी ने वीसी का माल्यार्पण कर उनका स्वागत किया। व्याख्यान के अंत में भौतिक विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो। मिहिर रायचौधरी ने सभी गेस्ट के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन प्रो। शांतनु रस्तोगी ने किया। इस मौके पर टीचर्स, स्टूडेंट्स और कर्मचारी उपस्थित रहे।